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NEET 2024: छात्रा का नतीजा न जारी करने के लिए NTA पर एक और केस, सुप्रीम कोर्ट में भी नई याचिका

NEET UG Results Follow-up: अंडरग्रैजुएट मेडिकल कोर्स में दाख़िले के लिए होने वाली NEET परीक्षा सवालों के घेरे में है. जब से नतीजे आए हैं, तभी से. कई छात्रों ने कई गंभीर ख़ामियों को पॉइंट-आउट किया है.

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नतीजों के बाद से बवाल उठा हुआ है. (फ़ोटो - सोशल)

NEET UG 2024 परीक्षा के नतीजे आने के बाद से हंगामा रुका नहीं है. पहले पूरे-पूरे नंबर लाने वाले छात्रों की वजह से इम्तिहान कराने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) पर सवाल उठे. अब लखनऊ से एक और छात्रा ने NTA के ख़िलाफ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी है. छात्रा का कहना है कि आंसर-की (Answer Key) से मिलाने पर उसके 720 में से 715 नंबर आ रहे हैं, मगर NTA उनके नतीजा जारी नहीं कर रहा. कारण दिया कि उनकी आंसर शीट (OMR) फटी हुई थी.

क्या आरोप हैं?

अंडरग्रैजुएट मेडिकल कोर्स में दाख़िले के लिए होने वाली NEET परीक्षा सवालों के घेरे में है. इस बार इस इम्तिहान में लगभग 24 लाख छात्र/छात्रा बैठे थे. 4 जून को NTA ने परीक्षा का रिज़ल्ट जारी किया और रिज़ल्ट में दिखा कि कुल 67 कैंडिडेट्स को 720 में से 720 नंबर मिल गए हैं. एक साथ इतने कैंडिडेट्स के 100 फ़ीसदी नंबर देखने के बाद सोशल मीडिया पर परीक्षा के रिज़ल्ट को लेकर सवाल खड़े किए जाने लगे. आरोप लगे कि रिज़ल्ट में गड़बड़ी हो सकती है.

पेपर लीक और एक ही सेंटर में आठ टॉपर्स निकलने के भी आरोप लगे. कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि इम्तिहान दोबारा कराया जाए.

NTA ने सफ़ाई दी कि उनके पास ऐसे कोर्ट केस आए थे, जहां परीक्षा के दौरान कुछ छात्रों का समय ख़राब हो गया था. इससे उनके उतने नंबर नहीं आए, जितने आ सकते थे. सुप्रीम कोर्ट के 2018 के नॉर्मलाइज़ेशन वाले आदेश के आधार पर कई कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए. इसलिए उनके मार्क्स 718 या 719 आए हैं.

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लखनऊ की रहने वाली आयुषी पटेल ने भी लाखों छात्रों की तरह इस बार NEET की परीक्षा दी थी. लेकिन जब नतीजे आए, तो उसमें आयुषी का रिज़ल्ट नहीं था. आंसर की से मिलाने पर उनके हिसाब से उन्हें 715 नंबर मिलने चाहिए थे, क्योंकि उनका सिर्फ़ एक ही जवाब ग़लत था. इसीलिए उन्होंने एजेंसी को मेल किया, कि उन्होंने अपनी OMR शीट संभाल के जमा की थी.

NTA का जवाब आया. उन्होंने मेल पर तस्वीर भेजी. मेल पर भेजी गई ओएमआर शीट वाकई में फटी हुई थी. इसके बाद ही आयुषी ने जवाब दिया कि OMR शीट फटने के लिए वो ज़िम्मेदार नहीं हैं, और मांग रखी कि अगर शीट फट भी गई है, तो उसका रिज़ल्ट न रोका जाए. इसी मांग के साथ आयुषी ने हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका डाली. जब तक उनके केस को लेकर हाई कोर्ट कोई फ़ैसला नहीं लेता, तब तक NEET के जारी रिजल्ट पर आगे की प्रक्रिया रोक दी जाए.

सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका

नतीजों में विसंगतियों का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है. इंडिया टुडे की कनु शारदा की रिपोर्ट के मुताबिक़, अब्दुल्ला मोहम्मद फ़ैज़ और डॉ शेख़ रोशन मोहिद्दीन ने ये याचिका दायर की है. ये तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं, और इन राज्यों में छात्रों के लिए काम करते हैं. उनकी याचिका के मुताबिक़, छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स के पीछे कोई परिभाषित तर्क नहीं है. फिर जिन छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए, उनकी कोई लिस्ट भी जारी नहीं की गई है.

याचिका में NTA की अनंतिम उत्तर कुंजी (answer key) पर भी सवाल उठाया गया है. 13,000 से ज़्यादा छात्रों ने भी कुंजी को चुनौती दी है.

आला अदालत में दायर की गई सभी याचिकाओं में 5 मई की परीक्षा से प्रश्नपत्र लीक होने की शिकायतों की ओर इशारा किया गया है. 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया था, लेकिन नतीजों की घोषणा पर रोक नहीं लगाई थी. इस बीच NTA ने फ़ैसला किया है कि एक उच्च-स्तरीय समिति छात्रों की शिकायतों का विश्लेषण करेगी. 

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