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PM से बात करने की एक्टिंग और पेपर लीक... ‘नेक्स्ट टॉपर्स’ के प्रशांत किराड़ पर उठे बड़े सवाल

फेमस टीचर Prashant Kirad का दावा है कि वो परीक्षा से पहले ही क्वेश्चन गेस कर देते हैं. उनको "Paper Leaker" का नाम दिया गया है. एक वीडियो में वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने का नाटक भी करते हैं. इसे लेकर एजुकेशनिस्ट Maheshwer Peri ने बड़े सवाल उठाए हैं? क्या है ये पूरा मामला?

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महेश्वर पेरी ने प्रशांत किराड़ पर कार्रवाई की मांग की है. (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

भारत के कोचिंग और ट्यूशन संस्थान गर्त में जा रहे हैं. व्यूज पाने के लिए ये हताशा की दौड़ में हैं और अपने निचले स्तर पर पहुंच गए हैं. संस्थानों को झूठे नैरेटिव, सेक्सिट और कामुक बातों का अड्डा बना दिया गया है. कोचिंग और एजुकेशनल मैगजीन 'करियर 360' के फाउंडर महेश्वर पेरी ने ये आरोप लगाए हैं. उन्होंने एक अन्य कोचिंग संस्थान ‘नेक्स्ट टॉपर्स’ के फाउंडर प्रशांत किराड़ पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं.

पेरी ने एक वीडियो का हवाला देते हुए X पर लिखा है,

इस वीडियो में दिख रहे शख्स प्रशांत किराड़ हैं. इन्होंने नेक्स्ट टॉपर्स नाम की कंपनी बनाई है. लोग इनको “Paper Leaker” (क्वेश्चन पेपर लीक करने वाला) भी कहते हैं. ये स्टूडेंट्स के सामने गर्व से कहते हैं कि वो परीक्षा से एक दिन पहले क्वेश्चन पेपर लीक कर देंगे. इस वीडियो में ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करते दिख रहे हैं. (बात करने का दावा करते दिख रहे हैं). पीएम से बात करते हुए वो उन क्वेश्चन्स के नोट्स ले रहे हैं (गेस कर रहे हैं) जो अगले दिन की परीक्षा में आने वाले हैं.

प्रशांत किराड़ सोशल मीडिया पर ‘प्रशांत भैया’ नाम से फेमस हैं. Paper Leaker टैग के साथ उनके कई वीडियो वायरल होते हैं. किसी को इस तरह का टैग देने से और सोशल मीडिया पर इसे सेलिब्रेट करने से छात्रों पर क्या असर पड़ता है? महेश्वर पेरी ने लल्लनटॉप के ऐसे कई सवालों का जवाब दिया. उन्होंने कहा,

छात्र वही पढ़ेंगे जो ये टीचर 12 घंटे या 24 घंटे पहले बोलते हैं. ऐसा भी होगा कि शायद बहुत सारे बच्चे इसके लिए इंतजार करेंगे कि वो एक दिन में पढ़ के एग्जाम पास हो जाएं. सीखने की प्रक्रिया खत्म हो जाएगी. एग्जाम में मार्क्स लाने भर से ही मतलब रह जाएगा.

Maheshwar Peri
लल्लनटॉप से बातचीत के दौरान महेश्वर पेरी.

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क्या सच में क्वेश्चन लीक करते हैं Prashant Kirad?

मूल रूप से राजस्थान के ऐवार के रहने वाले प्रशांत किराड़ के कई यूट्यूब चैनल हैं. पेरी जिस वीडिया का हवाला देते हैं, उसमें किराड़ को फोन पर बात करते देखा जा सकता है. वो कहते हैं,

मोदी जी कोई और इंपोर्टेंटेंट (क्वेश्चन) बताओ न, जो इनके लिए जरूरी सवाल हो. भाई, मोदी जी कह रहे हैं कि रिप्रोडक्शन से सेक्स डिटरमिनेशन पर एक्स-वाई वाला सवाल आएगा… डिकम्पोजिशन से सवाल पक्का आएगा… मोदी जी कह रहे हैं कि अल्कली का सवाल दिख जाएगा… वो कह रहे हैं कि ह्यूमन हार्ट पर भी सवाल आएगा…

सवालों के हर गेस के अगले हिस्से में क्वेश्चन पेपर्स की तस्वीरें आती हैं. उस पर इन्हीं टॉपिक से जुड़े सवाल लिखे होते हैं.

एक पॉडकास्ट में प्रशांत किराड़ दावा करते हैं कि ये टैग उनको क्वेश्चन लीक करने के लिए नहीं, बल्कि क्वेश्चन गेस करने के लिए मिला है. वो इसको अपनी टीचिंग टेक्निक से जोड़ते हैं. वो कहते हैं कि 80 प्रतिशत क्वेश्चन 20 प्रतिशत सिलेबस से आते हैं. इसके बाद पिछले साल के क्वेश्चन पेपर को देखना होता है. हर चैप्टर के कुछ टॉपिक जरूरी होते हैं. उसको देखना होता है. और फिर इस तरह अंदाजा लग जाता है. 

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सीबीएसई की परीक्षाओं के क्वेश्चन पेपर का अंदाजा लगाना इतना आसान है? महेश्वर पेरी इस पर कहते हैं,

ये सिर्फ सीबीएसई की बात नहीं है. ये किसी भी परीक्षा में हो जाता है. 12 से 15 चैप्टर होते हैं. उसमें से कुछ कॉन्सेप्ट से हर साल सवाल आते हैं. कोई भी देखेगा तो ये बता देगा कि इन्हीं कॉन्सेप्ट से 70 से 80 प्रतिशत क्वेश्चन आते हैं. बस वैल्यू बदल जाते हैं और सवाल थोड़ा घुमाकर पूछ लिया जाता है. इसमें दिक्कत ये है कि बच्चे इसमें कुछ सीखते नहीं हैं. ऐसे में वो परीक्षा पास करके भी क्या करेंगे? दूसरी बड़ी दिक्कत ये है कि अगर ये गेस कर रहे हैं तो ये बोलें ना कि गेस कर रहे हैं. ये मत बोलिए कि मैं पेपर लीक करता हूं, पेपर सेट करता हूं या पीएम मोदी से बात करता हूं. 

"जो पढ़ा है वो भूल जाओ, वो पढ़ लो जो मैं बता रहा हूं"

पेरी आगे कहते हैं,

जब आप कहते हो कि यही सवाल आएंगे और आपने पीएम मोदी से बात की है तो वो सरासर गलत है. पिछले दिनों ही एक परीक्षा हुई थी. उसको लेकर एक महिला शिक्षक ने क्वेश्चन गेस किया लेकिन वो क्वेश्चन आए नहीं. अब लोग महिला के लिए गाली-गलौज का इस्तेमाल कर रहे हैं. आप 100 प्रतिशत गारंटी के साथ कहते हैं कि यही सवाल आएंगे और ऐसा नहीं हुआ, तो बच्चे का तो नुकसान हो गया न. वो कुछ पढ़ेंगे ही नहीं. मान लीजिए छह विषय में से चार में इन्होंने गेस कर दिया और उनमें बच्चे पास हो गए. लेकिन दो में गेस नहीं किया और बच्चे फेल हो गए तो… पिछले दिनों ही एक मामला हुआ. चार बजे सुबह उठकर एक टीचर ने कहा कि जो पढ़ा है वो भूल जाओ, वो पढ़ लो जो मैं बता रहा हूं.

कुछ सोशल मीडिया वीडियोज में ये भी देखा गया है कि कई शिक्षक लाइव क्लास में अश्लीलता से भी परहेज नहीं करते. इस पर पेरी कहते हैं,

आप बच्चों से किस भाषा में बात करते हैं, यहां एक लाइन खींचने की जरूरत है. टीचर इसके लिए कुछ ट्रिक का यूज करते हैं. लेकिन जब ये यहां तक गिर जाते हैं कि गाली-गलौज या प्रपोजल पर आ जाते हैं. रोमांस या लव की बात करना शुरू करते हैं ना, तो बात अलग बन जाती है. क्लास में सिर्फ पढ़ाई होनी चाहिए. कुछ तो इतनी बदतर भाषा का इस्तेमाल करते हैं… 6 हजार और रशियन जैसी लैंग्वेज का प्रयोग करते हैं. इसका कितना गलत असर पड़ता है! पिछले महीने एक रसियन महिला के पीछे एक आदमी पड़ गया और उसको परेशान करते हुए रेट पूछ लिया. मास्टर जब क्लास में ऐसी बातें कर रहे हैं तो बच्चे बाहर जाकर कैसा व्यवहार करेंगे. ये सब व्यूज और क्लिकबेट का चक्कर है.

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किराड़ का जवाब

इस पूरे मामले पर प्रशांत किराड़ का जवाब स्टोरी छपने के एक दिन बाद आया. 23 फरवरी की दोपहर को तीन बजे उन्होंने लल्लनटॉप को बताया कि वो अक्सर अपने वीडियोज में इस तरह की एक्टिंग करते हैं. और वो ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उनके स्टूडेंट्स कॉमेंट्स में लिखते हैं कि प्रधानमंत्री को फोन लगाइए या मस्क को फोन लगाइए. उन्होंने आगे कहा,

मैं क्वेश्चन लीक नहीं करता हूं बल्कि मिमक्री करके बच्चों का मनोरंजन करता हूं. ऐसा नहीं करने पर बच्चे बोर हो जाते हैं. ऐसे ही पढ़ाना भी चाहिए. एक तो हम फ्री में पढ़ाते हैं और एक साथ लाखों स्टूडेंट्स जुड़ते हैं, तो क्लास को दिलचस्प बनाने के लिए ऐसा करता हूं. सच में प्रधानमंत्री या मस्क से बात नहीं करता. ये बच्चों को भी पता है. मुझे नहीं पता ये कंट्रोवर्सी क्यों बनाई जा रही है.

Prashant Kirad
लल्लनटॉप से बातचीत के दौरान प्रशांत किराड़.
सुधार कैसे होगा?

पेरी इस परिस्थिति को ‘फाइनेंसियल इंनवेस्टमेंट’ के जरिए समझाते हैं. वो कहते हैं कि अगर कोई किसी शेयर को खरीदने की राय देता है, उसे ये बताना होता है कि उसने ये रिसर्च कैसे की है? जब आपके पास बहुत सारे फॉलोवर्स हो जाते हैं तो आपकी जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है. सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वो एजुकेशन इन्फ्लुएंसर्स के लिए ‘कोड ऑफ एथिक्स’ बनाएं. ये सुनिश्चित किया जाए कि कोई गुमराह ना करे, गलत जानकारी ना दे. टीचर्स को ये बताया जाए कि किस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया जा सकता है. ये अपने आप सुधरने वाले नहीं है. एक बिल लाना चाहिए और जल्द से जल्द उसे इम्प्लीमेंट किया जाना चाहिए.

महेश्वर अपने X पोस्ट में किराड़ के वीडियो को भ्रामक विज्ञापन, झूठा दावा और अनैतिक बताते हैं. वो उन पर कार्रवाई की भी मांग करते हैं. पेरी लिखते हैं कि उम्मीद है कि सत्ता में बैठे लोगों को भी इस पर नाराजगी होगी. ये सिर्फ जागरूकता के बारे में नहीं है. बल्कि ये शिक्षा मंत्रालय, सीबीएसई बोर्ड, प्रधानमंत्री कार्यालय और PM मोदी के लिए भी एक चुनौती है. इससे पहले कि और अधिक युवाओं का जीवन तबाह हो, कोचिंग उद्योग पर लगाम लगनी चाहिए. 

कौन हैं प्रशांत किराड़?

प्रशांत किराड़ के एक यूट्यूब चैनल पर 80 लाख और दूसरे पर 40 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं. इसके अलावा इंस्टाग्राम पर भी उनके 30 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स हैं. नेक्स्ट टॉपर्स नाम से उनकी कंपनी का एक इंस्टा अकाउंट भी है. वहां भी उनके 10 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स हैं. 

Prashant Kiradi With Digraj Singh Rajput and Shobhit Nirwan
दिगराज सिंह राजपूत (बाएं), शोभित निर्वाण (बीच में) और प्रशांत किराड़ (दाएं). (तस्वीर: इंस्टाग्राम)

हिंदूस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशांत किराड़ ने अपने पहले प्रयास में ही IIT-JEE की परीक्षा पास कर ली थी. उन्होंने नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (NSUT), दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की पढ़ाई की. 20 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स वाले उनके नेक्स्ट टॉपर्स चैनल पर दो और लोग भी जुड़े हैं. इनके नाम हैं- दिगराज सिंह राजपूत और शोभित निर्वाण. 

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