12th बोर्ड के रिजल्ट अनाउंस हो चुके हैं. अब कॉलेज-यूनिवर्सिटी में एडमिशन की तैयारी चल रही है. बहुत सारे स्टूडेंट्स ने तय कर लिया है कि किस कोर्स में और कहां एडमिशन लेना है जबकि बहुत सारे छात्रों के सामने अभी भी ये सवाल बना हुआ है. इन्हीं में से कुछ लोग ऐसे भी हैं जो लॉ की पढ़ाई (LAW Education) करना चाहते हैं लेकिन कोर्स और कॉलेज सेलेक्शन को लेकर कन्फ्यूज हैं. आपके इस कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए हम लेकर आए हैं आपके कुछ सवालों के जवाब. आज हम बात करते हैं लॉ के प्रोफेशन की. ये प्रोफेशन कई छात्रों को काफी फैसिनेट करता है. तो चलिए जानते हैं कि लॉयर बनने के लिए कौनसे पापड़ बेलने पड़ते हैं.
12वीं के बाद LAW की पढ़ाई के लिए क्या ऑप्शन, देना पड़ेगा कौन सा एंट्रेंस एग्जाम?
लॉ की पढ़ाई के लिए आप LLB, BA LLB, BSc LLB, BBA LLB, LLM जैसे कोर्सेज में एडमिशन ले सकते हैं. इसके लिए आपको CLAT, IPU CET, AILET जैसे एंट्रेंस एग्जाम देने होंगे.
बात लॉ की फील्ड में ऑफर किए जाने वाले कोर्सेज की करें तो इस फील्ड में बैचलर्स, मास्टर्स से लेकर कई स्पेशलाइज्ड कोर्सेस भी है.
LLB (Bachelors of legislative law): ये 3 साल का अंडर अंडरग्रेजुएट कोर्स है. इसमें कानून और उससे जुड़ी प्रक्रियाओं के बारे में पढ़ाया जाता है. ग्रेजुएशन के बाद LLB में एडमिशन लिया जा सकता है.
BA LLB ( Bachelor of Arts- Bachelors of legislative law): ये 5 साल का इंटीग्रेटेड कोर्स है. जिसमें लॉ के साथ-साथ आर्ट्स के बारे में भी पढ़ाया जाता है. इसमें 12वीं के बाद एडमिशन लिया जा सकता है.
BSc LLB (Bachelors of Science and legislative law): ये भी 5 साल का एक इंटीग्रेटेड कोर्स है. इसमें साइंस के सब्जेक्ट्स जैसे- फिजिक्सस, केमिस्ट्री, बायो और बायोटेक्नोलॉजी के साथ कानून के बारे में सिखाया-पढ़ाया जाता है. जिन छात्रों ने बायो या मैथ्स से 12वीं पास की होती है उनके लिए ये एक अच्छा विकल्प है. इसमें भी 12वीं के बाद एडमिशन लिया जा सकता है.
BCom LLB (Bachelor of Commerce and Legislative Law): ये भी एक इंटीग्रेटेड प्रोफेशनल लॉ कोर्स है, इसकी अवधि 5 साल की होती है. इसमें छात्रों को कॉमर्स और कानून दोनों विषय पढ़ाए जाते हैं.
LLM (Masters of Law): ये कानून के क्षेत्र में पोस्टग्रेजुएट डिग्री है. ये कोर्स कई प्रैक्टिसिंग लॉयर अपना नॉलेज बढ़ाने के के साथ-साथ कानून के एक विशेष क्षेत्र की स्टडी करने और अंतरराष्ट्रीय योग्यता हासिल करने के लिए करते हैं.
PhD. in LAW: जो लोग लॉ में मास्टर्स कर चुके होते हैं वो इस क्षेत्र में और गहन अध्ययन और एनालिटिकल स्टडी के लिए पीएचडी कर सकते हैं. पीएचडी के बाद आप किसी भी फील्ड के धुरंधर हो जाते हैं और इसके ऊपर किताबें लिखने से लेकर एकैडमिक क्षेत्र में लेक्चरर के तौर पर भी आप सेवाएं दे सकते हैं.
BBA LLB: ये कुल मिलाकर 5 साल का इंटीग्रेटिड स्पेशलाइज्ड कोर्स है. इसे कानून के क्षेत्र में एक प्रोफेशनल डिग्री माना जाता है. इसमें व्यवसाय प्रशासन के साथ-साथ कानून से संबंधित विषयों को पढ़ाया जाता है.
इस फील्ड को और बेहतर समझने के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे वकील विराग गुप्ता से बात की. उन्होंने बताया,
कैसे मिलेगा एडमिशन (Law education entrance exam)लॉ की फील्ड में जबरदस्त स्कोप है. इसके लिए ये जरूरी नहीं की आपने 10th के बाद क्या सब्जेक्ट लिया है. हर स्ट्रीम के लोग लॉ के लिए होने वाले एंट्रेंस एग्जाम के लिए अप्लाई कर सकते हैं. बस जरूरी ये है कि आप इस फील्ड में करियर बनाने के लिए पैशनेट हों.
लॉ की पढ़ाई के लिए आपको पहले कुछ एंट्रेंस एग्जाम देने होंगे. ये एग्जाम्स हैं-
CLAT (Common Law Admission Test) : ये लॉ के लिए होने वाला सबसे जरूरी और जाना-माना एग्जाम है. जिस तरह इंजीनियरिंग के लिए IITs को प्रीमियम इंस्टिट्यूट माना जाता है उसी तरह कानून की पढ़ाई के लिए NLU यानि नैशलन लॉ यूनिवर्सिटी (National Law University) को सबसे अच्छा संस्थान माना जाता है. फिलहाल देश भर में 23 NLU हैं और इनमें एडमिशन CLAT को अच्छे नंबरों से पास करने वाले छात्रों को ही मिलता है. हालांकि नेशनल लॉ युनिवर्सिटीज के अलावा भी देश के कई सारे टॉप इंस्टिट्यूट्स में CLAT के जरिए ही अपने यहां ऑफर किए जाने वाले लॉ कोर्सेस में एडमिशन देते हैं.
IPU CET Law (Indra Prastha University Common entrance test): ये एक काफी प्रैस्टीजियस एग्जाम है इसे गुरू गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी कराती है. इसके जरिए आप इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी में बैचलर्स और मास्टर्स के साथ ही BBA LLB का इंटीग्रेटिड कोर्स भी कर सकते हैं. इसके अलावा यहां वीकेंड कोर्स के तौर पर Cyber Law और Intelectual Property Rights में मास्टर्स की डिग्री भी ऑफर की जाती है.
MH C.E.T (Maharashtra Common Entrance test): इस एग्जाम के जरिए महाराष्ट्र के लॉ टॉप कॉलेजेस जैसे बाबासाहेब अंबेडकर मराठावाड़ा युनिवर्सिटी (BAMU), गवर्मेंन्ट लॉ कॉलेज मुंबई जैसे कॉलेजों में एडमिशन दिया जाता है.
AP LAWCET(Andra Pradesh Common LAW Entrance test): इसके जरिए आंध्र प्रदेश के विश्वविद्यालयों और उनके लॉ कोर्सेस में एडमिशन दिया जाता है. इसे आंध्र प्रदेश स्टेट काउंसिल ऑफ हायर एजुकेशन (APSCHE) की ओर से श्री पद्मावती महिला विश्वविद्यालय, तिरुपति हर साल आयोजित कराता है.
AILET (All India law entrance test): ये टेस्ट नेशनल लॉ युनिवर्सिटी, दिल्ली आयोजित कराती है. इसके जरिए NLU दिल्ली के UG, PG और PhD लॉ कोर्सेस में एडमिशन दिया जाता है. यह एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है जो केवल NLU दिल्ली में लॉ प्रोग्राम्स में एडमिशन के लिए आयोजित की जाती है.
CUET (Common University Entrance Exam): CUET के जरिए सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज समेत देश की कई सारी यूनिवर्सिटीज में एडमिशन मिलता है. CUET के जरिए अलग-अलग स्ट्रीम के छात्र देश भर के कॉलेजिस में अपनी पसंद के कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं. जिसमें लॉ के कोर्सेज भी शामिल हैं.
लॉयर बनने के अलावा भी कई सारे ऑप्शनयदि आप 12वी के बाद लॉ करते हैें तो आपके पास भतेरे करियर ऑप्शन हैं. जाहिर सी बात है डिस्ट्रिक्ट कोर्ट्स से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लॉयर, एडवोकेट, बैरिस्टर, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर्स के ऑप्शन तो है हीं, इसके अलावा आप लीगल एडवाइजर, सिविल जज, ऑफिसर्स, अटोर्नी जनरल, क्रिमिनल प्रोफाईलर्स, लीगल एक्सपर्ट आदि के प्रोफेशन में भी जा सकते हैं.
ये तो हो गई एंट्रेंस एग्जाम्स और कोर्सेज की बात. क्राइटेरिया की बात करें तो बैचलर कोर्सेस में एडमिशन के लिए ज्यादातर कॉलेज 12वी में 50 से 60 प्रतिशत मार्क्स का क्राइटेरिया रखते हैं, इसके अलावा ये जरूरी है कि आपने एडमिशन के लिए होने वाले एंट्रेंस टेस्ट को पर्याप्त नंबरों से पास किया हो. इसके अलावा आप किसी भी कॉलेज का क्राइटेरिया कॉलेज की ऑफिशियल वेबसाईट पर जाकर देख सकते है.
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