‘बीते सात सालों में एक भी पेपर लीक नहीं हुआ है’, ये बयान देश के शिक्षा मंत्री का है. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में ऑन रिकॉर्ड कहा कि किसी भी पेपर लीक (Dharmendra Pradhan on Paper leak) के कोई सबूत नहीं हैं. उनके इस बयान के बाद सदन में विपक्ष ने खूब शोर मचाया. उनके इस बयान का खंडन किया. शोर सोशल मीडिया पर उठा. अब संसद के इस शोर में सड़क पर मचे शोर को जोड़ दीजिए.
‘पिछले 7 साल में कोई पेपर लीक नहीं’, क्या शिक्षा मंत्री ने लोकसभा में झूठ बोला?
सेना भर्ती पेपर 2021, CBSE बोर्ड परीक्षा 2018 से लेकर JEE Mains 2021 परीक्षा में पेपर लीक के आरोप लगे थे. ये वो एग्जाम हैं जो केंद्र सरकार द्वारा कराए जाते हैं.
महीनों-सालों एक परीक्षा के लिए तैयारी करने वाले छात्रों की निराशा का शोर, जो प्रदर्शनों की शक्ल में सड़क तक चला आता है. मीडिया के कैमरों में बिलखते हुए कहता है, 'हमने इतने साल मेहनत की थी, अब पेपर लीक हो गया'. क्या ये रोने वाले झूठे हैं?
दूसरी तरफ, NEET-UG पेपर लीक (NEET-UG Paper Leak) का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. आला अदालत ने खुद पेपर लीक की बातों को खारिज नहीं किया है. पेपर लीक के दावों के बीच शिक्षा मंत्री का ये बयान कई सवाल खड़े करता है. ये सवाल कौन कौन से हैं? इन पर भी आएंगे. पहले जानते हैं कि सदन की कार्यवाही के दौरान 22 जुलाई को शिक्षा मंत्री ने कहा क्या. धर्मेंद्र प्रधान बोले,
“मैं ये कहना चाहूंगा कि पिछले सात सालों में पेपर लीक के कोई भी सबूत नहीं मिले हैं. NEET-UG मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है. पेपर लीक को लेकर जितनी जीचें सामने आई हैं, वो सब कोर्ट के सामने रख दी गई हैं. CJI खुद बेंच की अध्यक्षता कर रहे हैं. मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कहना चाहूंगा कि कोई भी पेपर लीक नहीं हुआ है. NTA बनने के बाद से 240 एग्जाम कराए जा चुके हैं. 5 करोड़ से ज्यादा छात्रों ने इन एग्जाम्स के लिए अप्लाई किया है. साढ़े 4 करोड़ से ज्यादा छात्र इन परीक्षाओं में बैठ चुके हैं.”
अब ये सवाल ये उठता है कि शिक्षा मंत्री के दावे से विपक्ष सहमत क्यों नहीं था. क्या वाकई में किसी भी परीक्षा के पेपर लीक नहीं हुए? खासकर वो परिक्षाएं जो केंद्र सरकार द्वारा करवाई जाती हैं. जवाब सीधा नहीं है. मगर कुछ दावे, मीडिया रिपोर्ट्स और संसद में सरकार के अन्य मंत्रियों के बयान शिक्षा मंत्री जी के बयान से बिल्कुल इत्तफाक नहीं रखते.
1. सेना भर्ती पेपर लीक
28 फरवरी 2021 के दिन सैनिक (जनरल ड्यूटी) की परीक्षा आयोजित कराई गई. 27 फरवरी को पुणे की मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट और पुणे सिटी पुलिस की क्राइम ब्रांच ने महाराष्ट्र में कई जगह छापेमारी की. जांच एजेंसी को सैनिक (जनरल ड्यूटी) परीक्षा के क्वेश्चन पेपर बरामद हुए. हिंदुस्तान टाइम्स में छपी इस रिपोर्ट के मुताबिक सेना के अधिकारी ने बताया,
“प्रश्नपत्र की एक कॉपी मिलने के बाद सेना के अधिकारियों ने इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि की और ऑल इंडिया लेवल पर परीक्षा को समय पर रद्द करके नुकसान को नियंत्रित किया गया.”
अधिकारी ने बताया कि पेपर लीक के इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इन पर आरोप था कि इन्होंने 4-5 लाख रुपये में पेपर बेचे थे. आरोपियों ने पुणे, कोल्हापुर, सतारा, सांगली बेलगाम के साथ अन्य राज्यों के उम्मीदवारों को भी ये प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में 10 मार्च 2021 को कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी (COI) भी ऑर्डर की गई थी. इस संबंध में एक FIR भी दर्ज की गई जिसके तहत पीठासीन अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल भगतप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया गया था.
2. CBSE बोर्ड परीक्षा 2018 पेपर लीक
साल 2018 में CBSE की बोर्ड परीक्षा में पेपर लीक घटना सामने आई थी. इस संबंध में AIADMK सांसद के अशोक कुमार ने संसद में सवाल भी पूछा था. 11 फरवरी 2019 को MHRD मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉक्टर सत्यपाल सिंह ने अशोक कुमार के सवालों का जवाब देते हुए कहा,
“CBSE ने दो पेपरों के लीक होने की बात बताई है. 12वीं कक्षा में इकोनॉमिक्स और 10वीं के मैथ्स का पेपर लीक हुआ है. 12वीं के इकोनॉमिक्स पेपर का री-एग्जाम 25 अप्रैल 2018 को कराया गया था. हालांकि, CBSE ने 10वीं के मैथ्स पेपर का री-एग्जाम आयोजित नहीं करने का निर्णय लिया, क्योंकि 10वीं की परीक्षा 11वीं क्लास में जाने के लिए एक गेटवे होती है.”
बोर्ड परीक्षा पेपर लीक के इस मामले में CBSE ने दिल्ली रीजन के रीजनल डायरेक्टर के जरिए दिल्ली पुलिस में 6 शिकायतें दर्ज कराई थीं. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया. 12वीं और 10वीं के पेपर लीक मामले में SIT ने हिमाचल प्रदेश के ऊना स्थित एक एग्जाम सेंटर के सेंटर सुपरिटेंडेंट को गिरफ्तार किया था. SIT ने सेंटर सुपरिटेंडेंट के अलावा उसके दो साथी और बैंक के एक अधिकारी को भी गिरफ्तार किया.
दिल्ली पुलिस ने 10वीं का पेपर लीक करने के आरोप में दिल्ली स्थित मदर खजानी कॉन्वेंट स्कूल के प्रिंसिपल और दी टीचरों सहित ईज़ी कोचिंग इंस्टीट्यूट के मालिक को भी गिरफ्तार किया था. CBSE ने कार्रवाई करते हुए मदर खजानी कॉन्वेंट स्कूल की मान्यता रद्द भी की थी.
3. SSC 2017 पेपर लीक
SSC की कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (CGL) (Tier II), 2017 परीक्षा. SSC ने फरवरी-मार्च 2018 में परीक्षा आयोजित कराई. 21 फरवरी 2018 के दिन आयोजित कराई गई Tier II परीक्षा के पेपर-1 में गड़बड़ी और लीक की खबरें सामने आईं. परीक्षा की शुचिता बरकरार रखने के लिए SSC ने एग्जाम रद्द करने का फैसला किया. 9 मार्च 2018 को पेपर दोबारा आयोजित कराया गया.
सरकार ने SSC CGL 2017 परीक्षा में पेपर लीक की बात संसद में भी मानी. पूर्व सांसद जितेंद्र चौधरी के सवाल के जवाब में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि पेपर लीक के बाद SSC के कहने पर केंद्र सरकार ने मामले में CBI जांच के आदेश भी दिए.
SSC CGL 2017 परीक्षा में कुल 9 हजार 276 वेकेंसी थीं. इसमें 4 हजार 238 जनरल कैटेगरी के लिए थी. बाकी पद अलग-अलग कैटेगरी के छात्रों के लिए रिजर्व्ड थे. इस एग्जाम के लिए 30 लाख 26 हजार 598 उम्मीदवारों ने अप्लाई किया था. 15 लाख से अधिक छात्र परीक्षा देने पहुंचे थे. Tier-1 परीक्षा के लिए 1 लाख 89 हजार 838 छात्रों ने क्वालीफाई किया था. वहीं Tier-3 के लिए 35 हजार 990 छात्र क्वालीफाई कर पाए थे.
4. NEET 2021 पेपर लीक
NEET 2024 से पहले 2021 के एग्जाम में भी पेपर लीक की बात सामने आई थी. दावा किया गया कि परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर लीक हो गया था. एनडीटीवी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक 12 सितंबर 2021 को जयपुर पुलिस ने NEET परीक्षा में नकल करते हुए एक छात्रा सहित सात अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. DCP रिचा तोमर ने बताया था कि आरोपी छात्रा दिनेश्वरी कुमारी, उसके चाचा राम सिंह, सेंटर इनचार्ज मुकेश और चार अन्य लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक परीक्षा शुरू होने के बाद राम सिंह और मुकेश ने पेपर की फोटो दो अन्य व्यक्तियों को भेजी थी. दोनों ने जयपुर के चित्रकूट इलाके के एक अपार्टमेंट में बैठे दो लोगों को ये फोटो भेजी थीं. जिसके बाद ये फोटो सीकर में बैठे कुछ अन्य लोगों को फॉरवर्ड करी गई थी. आरोपी छात्रा ने बताया,
“सीकर में बैठे व्यक्तियों ने पेपर की आंसर-की चित्रकूट में बैठे आरोपियों को फॉरवर्ड की थी. जिसके बाद ये मुकेश को भेजी गई. मुकेश ने आंसर-की राम सिंह को भेजी. जिसके बाद राम सिंह ने दिनेश्वरी कुमारी को परीक्षा हल करने में मदद की.”
NEET पेपर लीक के इस मामले में पुलिस ने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), वाराणसी के एक छात्र के साथ एक अन्य व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया था. इंडिया टुडे में छपी रिपोर्ट के अनुसार पेपर लीक के इस मामले में कोचिंग संचालक नवरत्न स्वामी को मास्टरमाइंड बताया गया था. परीक्षा का पेपर 35 लाख रुपये में बांटने की बात भी सामने आई थी.
5. JEE Mains 2021 पेपर लीक
साल 2021 में इंजीनियरिंग एडमिशन के लिए होने वाली JEE Mains परीक्षा का पेपर लीक होने की बात सामने आई थी. मामले सामने आते ही CBI ने इसकी जांच शुरू की. 1 सितंबर 2021 को CBI ने पेपर लीक मामले में Affinity Education Private Limited, इसके डायरेक्टर और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ केस रजिस्टर किया. इन पर आरोप था कि ये हरियाणा के सोनीपत स्थित एक एग्जाम सेंटर से रिमोट एक्सेस के माध्यम से प्रश्न पत्र हल कराते थे. आरोपी पेपर सॉल्व करके छात्रों को देश के टॉप नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) में एडमिशन दिलाने का दावा करते थे.
दी हिंदू में छपी रिपोर्ट के मुताबिक आरोपियों ने इच्छुक उम्मीदवारों की दसवीं और बारहवीं कक्षा की मार्कशीट सहित उनके यूजर आईडी और पासवर्ड तथा सिक्योरिटी के तौर पर पोस्ट-डेटेड चेक जमा कर लिए थे. कॉलेज में एडमिशन की पुष्टि के बाद उन्हें कथित तौर पर हर उम्मीदवार से 12 से 15 लाख रुपये तक का कमीशन मिलता था.
CBI का कहना था कि JEE Mains पेपर लीक मामले में कुछ विदेशी भी शामिल हो सकते हैं. अक्टूबर 2022 में एजेंसी ने इसी मामले में रूसी हैकर मिखाइल शार्गिन को गिरफ्तार किया था. उसे कजाकिस्तान के अल्माटी से दिल्ली आने पर इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पकड़ा गया था. मिखाइल पर परीक्षा में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर को हैक करने में दूसरों की मदद करने का आरोप था. हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक CBI ने मार्च 2023 में JEE पेपर लीक मामले के कथित मास्टरमाइंड विनय दहिया को गिरफ्तार किया था.
6. CTET 2023 पेपर लीक
जनवरी 2023 में हुई कॉमन टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (CTET) परीक्षा में कथित गड़बड़ी की बात सामने आई थी. उत्तर प्रदेश STF ने CTET परीक्षा पेपर लीक मामले में मेरठ से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक STF ने मेरठ की महक सिंह और हरियाणा के सोमबीर सिंह को गिरफ्तार किया था.
रिपोर्ट के अनुसार पुलिस को सूचना मिली थी कि पेपर लीक में शामिल दो लोग 17 जनवरी को कंकरखेड़ा इलाके में एक नर्सिंग होम पहुंचेंगे. परीक्षा से करीब एक घंटे पहले वो एक अभ्यर्थी को प्रश्नपत्र बेचेंगे. पुलिस पूछताछ में सोमबीर ने माना कि वो पेपर लीक में शामिल था. पुलिस की जानकारी के मुताबिक 13 जनवरी 2021 को हुए पेपर से पहले सुबह 7 बजे महक ने फरीदाबाद के कुछ अभ्यर्थियों के साथ प्रश्न पत्र साझा किया था. यही नहीं, उसने बदरपुर बॉर्डर में भी कुछ अभ्यर्थियों के साथ सुबह साढ़े 9 बजे परीक्षा का पेपर साझा किया था.
STF अधिकारी ने बताया कि महक लखनऊ स्थित कोचिंग सेंटर के मालिक अमित सिंह से 2 लाख रुपये में पेपर खरीदती थी. वो ढाई लाख में इन्हें बेच देती थी. STF ASP बृजेश सिंह के मुताबिक इस मामले में पुलिस ने IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (मूल्यवान सुरक्षा की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज को असल बता कर इस्तेमाल करना), और 120B (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया था.
उम्मीद करते हैं कि आपको भी उन सवालों का जवाब मिल गया होगा जो शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बयान के बाद खड़े हुए थे. और सच कहें तो पेपर लीक का मामला किसी राष्ट्रीय समस्या से कम नहीं है. आप खुद ही इस लिंक पर क्लिक करके पांच सालों का हाल जान लीजिए.
वीडियो: शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संसद में पेपर लीक की बात नकारा, सोशल मीडिया पर लोग खूब बरसे