The Lallantop

BPSC परीक्षा: जिस सेंटर के अधिकारी की हुई थी मौत, वहां का एग्जाम रद्द हो गया

प्रशासन ने उन लोगों पर हत्या का मामला दर्ज करने की सिफारिश की है जिन्होंने परीक्षा को बाधित करने की कोशिश की थी, और ये भी बताया कि इस दौरान सेंटर पर एक अधिकारी की हार्ट अटैक की वजह से मौत हुई थी.

post-main-image
बापू परीक्षा सेंटर पर 5 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी. एग्जाम हॉल से बाहर निकलने के बाद छात्रों ने आरोप लगाया था कि क्वेश्चन पेपर लीक हो गया है. (फोटो- PTI)

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने 13 दिसंबर को हुए 70वें प्री एग्जाम को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. आयोग ने पटना के बापू सभागार एग्जाम सेंटर की परीक्षा को रद्द कर दिया है (BPSC exam cancelled at Patna centre). इस सेंटर पर एग्जाम की नई तारीख का जल्द ही एलान किया जाएगा. आयोग ने बताया है कि बापू सभागार एग्जाम सेंटर पर हंगामे के चलते वहां की परीक्षा को कैंसिल किया गया है. इतना ही नहीं, प्रशासन ने उन लोगों पर हत्या का मामला दर्ज करने की सिफारिश की है जिन्होंने परीक्षा को बाधित करने की कोशिश की थी, और ये भी बताया कि इस दौरान सेंटर पर एक अधिकारी की हार्ट अटैक की वजह से मौत हुई थी.

जांच कमेटी ने रिपोर्ट में क्या कहा?

13 दिसंबर को एग्जाम के दौरान पटना के कुम्हरार इलाके में स्थित बापू सभागार एग्जाम सेंटर में क्वेश्चन पेपर देरी से मिलने को लेकर छात्रों ने विरोध किया था. इंडिया टुडे से जुड़े रोहित सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में 900 से अधिक सेंटर्स पर एग्जाम आयोजित कराया गया था. इनमें से एक बापू सभागार सेंटर भी था. ग्रुप A और B पदों पर भर्ती के लिए आयोजित इस परीक्षा में करीब 5 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे.

परीक्षा को लेकर छात्रों के प्रदर्शन के बाद जिला मजिस्ट्रेट की अगुआई में एक जांच कमेटी गठित की गई थी. इस कमेटी ने BPSC को अपनी रिपोर्ट सौंपी है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारी द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ असामाजिक तत्व परीक्षार्थियों के वेश में आकर परीक्षा में खलल डालना चाहते थे. वो व्यवधान उत्पन्न करने पर तुले हुए थे, जिससे परीक्षा रद्द कराई जा सके. 

रिपोर्ट में कोचिंग सेंटर को लेकर भी कड़ा रुख अपनाए जाने की बात कही गई है. कहा गया है कि इस पूरे प्रकरण में कई कोचिंग संस्थानों की भूमिका की जांच भी की जानी चाहिए.

Image
BPSC नोटिस.

बता दें कि बापू परीक्षा सेंटर पर 5 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी. एग्जाम हॉल से बाहर निकलने के बाद छात्रों ने आरोप लगाया था कि क्वेश्चन पेपर लीक हो गया है. यही नहीं, सेंटर के बाहर भी भारी भीड़ जमा हो गई थी, जिसे पुलिस के हस्तक्षेप के बाद नियंत्रित किया गया. इसी दौरान पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह भी मौके पर पहुंचे और एक प्रदर्शनकारी को थप्पड़ मार दिया. उनका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था.

सेंटर पर अधिकारी की मौत

रिपोर्ट के मुताबिक एग्जाम सेंटर पर हंगामे के दौरान राम इकबाल सिंह नाम के एक अधिकारी को दिल का दौरा पड़ा. जिला प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इलाके में लगे ट्रैफिक जाम की वजह से राम इकबाल को ठीक समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका, जिस वजह से उनकी मौत हो गई. रिपोर्ट कहती है,

“उम्मीदवारों और विरोध प्रदर्शन में शामिल अन्य असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए, और उन पर हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए.”

इस मामले को लेकर पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बताया,

“जिला प्रशासन बापू परीक्षा परिसर के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहा है. वहां हंगामा करने वाले 10-12 असामाजिक तत्वों की पहचान करने के लिए पटना एसएसपी की निगरानी में दो टीमें गठित की गई हैं.”

परीक्षार्थी निकले तो होगी कड़ी कार्रवाई

डीएम ने बताया कि ऐसे लोगों ने दूसरे एग्जाम हॉल के अभ्यर्थियों से क्वेश्चन पेपर छीन लिए थे और वहां विरोध प्रदर्शन कर रहे बाहरी लोगों को पेपर पकड़ा दिए थे. चंद्रशेखर सिंह ने बताया,

“उन्होंने सेंटर के परीक्षा अधीक्षक को भी बंधक बना लिया था. वो उन पर परीक्षा रद्द करने की घोषणा करने का दबाव बना रहे थे, जो उन्होंने नहीं किया.”

डीएम ने कहा कि अगर वो लोग परीक्षार्थी निकले तो जिला प्रशासन आयोग से अनुरोध करेगा कि उन्हें BPSC परीक्षा में बैठने से रोक दिया जाए. साथ ही उन्होंने कहा प्रशासन कार्रवाई कर उन्हें जेल भेजेगा. डीएम चंद्रशेखर ने ये भी बताया कि पुलिस ने मामले में अब तक दो FIR दर्ज की हैं.

वीडियो: BPSC के एग्ज़ाम में पेपर लीक का आरोप, पटना डीएम ने छात्र को थप्पड़ क्यों जड़ा?