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चांदी की खपत कहां बढ़ गई जो कीमत एक लाख रुपये प्रति किलो होने वाली है?

Silver Price Hike: चांदी का इस्तेमाल आभूषण के तौर पर तो किया ही जाता है, लेकिन इसका इंडस्ट्रियल इस्तेमाल भी बढ़ा है.

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चांदी का दाम लगातार बढ़ रहा है. (तस्वीर साभार: इंडिया टुडे)

पिछले कुछ दिनों से चांदी की कीमत लगातार बढ़ रही है (Gold silver price hike). इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) की वेबसाइट के मुताबिक, 22 मई को चांदी की कीमत करीब 93 हजार रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है. एक दिन पहले 21 मई की शाम को चांदी की कीमत 92,873 रुपये प्रति किलोग्राम थी. जानेंगे कि चांदी की कीमत क्यों बढ़ रही है और इस समय इतना तगड़ा उछाल क्यों आया हुआ है.

क्यों बढ़ रहा चांदी का दाम?

बीती 13 मई को चांदी की कीमत 83 हजार 494 रुपये प्रति किलोग्राम थी. तब से आज यानी 22 मई तक इस कीमत में 9600 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. इसके पीछे का कारण जुड़ा है, चांदी के इस्तेमाल से. सर्राफा कारोबारी कुमार जैन इस बारे में कहते हैं,

"चांदी की खपत बढ़ गई है. इसलिए इसका दाम भी बढ़ गया है. चांदी का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक गाड़ियों (EV) और सोलर पैनल में इसका इस्तेमाल बढ़ गया है. EV और सोलर पैनल का निर्माण भी अब ज्यादा संख्या में होने लगा है. इस तरह कई और चीजों में भी चांदी की खपत बढ़ गई है. इसलिए कीमतें भी बढ़ रही हैं."

कुमार जैन ने कहा कि चांदी का दाम अभी और बढ़ेगा और ये 1 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकता है. पिछले कुछ समय से कई मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा ही दावा किया जा रहा था.

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कहां-कहां इस्तेमाल होती है चांदी?

चांदी का इस्तेमाल आभूषण बनाने के लिए तो किया ही जाता है, साथ ही इसका इंडस्ट्रियल यूज भी बहुत होता है. दुनियाभर में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैट्री में चांदी का इस्तेमाल किया जाता है. पेट्रोल-डीजल गाड़ियों के निर्माण में भी इनके कई सिस्टम में चांदी लगाई जाती है, जैसे- इन्फोटेन्मेंट सिस्टम, नेविगेशन सिस्टम, इलेक्ट्रिक पावर स्टीयरिंग. इसके अलावा गाड़ियों के सेफ्टी फीचर्स में चांदी का इस्तेमाल होता है. जैसे- एयरबैग डिप्लॉयमेंट सिस्टम, ऑटोमैटिक ब्रेक और ड्राइवर अलर्ट सिस्टम.

सिल्वर इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के अनुसार, बैट्री वाले एक इलेक्ट्रिक कार में औसतन 25 से 50 ग्राम चांदी की खपत होती है. वहीं हाइब्रिड वाहनों में प्रति गाड़ी 18 से 34 ग्राम चांदी इस्तेमाल होती है. दुनिया अब ऑटोमैटिक ड्राइविंग सिस्टम वाली गाड़ियों की ओर बढ़ रही है. ऐसे में इन गाड़ियों में चांदी की और ज्यादा खपत होगी.

इसी तरह सोलर पैनल के निर्माण में भी चांदी का इस्तेमाल होता है. ‘वी रिसाइकल सोलर’ की 2020 की एक रिपोर्ट में बताया गया कि लगभग 2 वर्ग मीटर के औसत सोलर पैनल में 20 ग्राम तक चांदी का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा चांदी का इस्तेमाल पावर (बिजली) सेक्टर में भी बड़े पैमाने पर होता है.

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