दुनियाभर के निवेशकों के लिए फरवरी का महीना खून के आंसू रुलाने वाला रहा है. और भारत बाजार भी इसका अपवाद नहीं रहा है. महीने की आखिरी तारीख को भी इसमें कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. 28 फरवरी को मार्केट खुलते ही निवेशकों के 4 लाख करोड़ (Indian Share Market Crash) रुपये से ज्यादा डूब गए हैं. किसी भी सेक्टर का निफ्टी इंडेक्स (NIFTY) ग्रीन नहीं दिखा रहा है. ऑटो और आईटी सेक्टर सबसे ज्यादा दबाव में हैं. इनके निफ्टी इंडेक्स 2-2 फीसदी से ज्यादा नीचे आ गए हैं. वहीं अगर सेंसेक्स की बात करे तो यहां भी सिर्फ एक स्टॉक में तेजी दर्ज हुई है. वो भी बेहद मामूली.
Share Market Crash: भारतीय शेयर बाजार क्रैश, 28 साल का रिकॉर्ड टूटा, सेंसेक्स-निफ्टी की हालत खराब
Sensex Nifty Crash : Sensex और Nifty में गिरावट का दौर लगातार जारी है. 28 फरवरी को सेंसेक्स में 900 अंकों से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है. वहीं निफ्टी में 300 अंको से ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई है.

ओवरऑल BSE पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 4.27 लाख करोड़ रुपये घट गया. यानी निवेशकों की वर्थ 4.27 लाख करोड़ रुपये कम हो गई है. फिलहाल बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 988.32 प्वाइंट्स यानी 1.13 फीसदी की गिरावट के साथ 73,624.59 पर है. वहीं निफ्टी 50 भी 302.50 प्वाइंट्स यानी 1.34 फीसदी की गिरावट के साथ 22,231.95 पर है.
निवेशकों की दौलत में 4.27 लाख करोड़ की गिरावटपिछले कारोबारी दिन यानी 27 फरवरी 2025 को BSE पर लिस्टेड सभी शेयरों का टोटल मार्केट कैप 3,93,10,210 करोड़ रुपये पर आ गया. लेकिन आज यानी 28 फरवरी 2025 को मार्केट खुलने पर गिरकर 3,88,82,696 करोड़ रुपये पर आ गया. इसका मतलब है कि निवेशकों की पूंजी 4.27 लाख करोड़ रुपये कम हो गई है.
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एशियाई बाजार में भी गिरावट28 फरवरी को एशियाई बाजारों में भी गिरावट देखने को मिल रहा है. गिफ्ट NIFTY में 183 अंको की गिरावट दिख रही है. वहीं निक्केई करीब 3.63 फीसदी की गिरावट के साथ 36,936 के आसपास दिख रहा है. जबकि स्ट्रेट टाइम्स में 0.73 फीसदी की गिरावट दिख रही है. और हैंगसेंग 2.46 फीसदी की गिरावट के साथ 23,134.68 के स्तर पर दिख रहा है. इसके अलावा कोस्पी 3.13 फीसदी की गिरावट के साथ बिजनेस कर रहा है. वहीं शंघाई कम्पोजिट 0.89 फीसदी की गिरावट के साथ 3,358.28 के स्तर पर दिख रहा है.
28 साल का रिकॉर्ड टूटाNifty ने गिरावट के मामले में 28 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. साल 1996 के बाद से शेयर बाजार में कभी भी लगातार पांच महीने तक गिरावट नहीं देखी गई है. साल 1996 के बाद ये पहला मौका है जब शेयर बाजार में लगातार पांचवे महीने गिरावट देखने को मिली है. Nifty के इतिहास में 1990 के बाद केवल दो बार पांच महीने या उससे ज्यादा समय तक गिरावट दर्ज की गई है. सितंबर 1994 से अप्रैल 1995 तक 8 महीनों में इंडेक्स 31.4 फीसदी गिर गया था. आखिरी बार पांच महीने की गिरावट 1996 में देखी गई थी. उस समय जुलाई से नवंबर तक निफ्टी में 26 फीसदी की गिरावट आई थी.
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