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मोबाइल कंपनियां 1.5 लाख जॉब देने की तैयारी में, किन राज्यों में सबसे ज्यादा भर्तियां?

सैमसंग, नोकिया, एप्पल विस्तार करने में जुटी हैं.

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नौकरी (संकेतात्मक तस्वीर)

2023-24 में मोबाइल बनाने वाली कंपनियां 1.5 लाख नई नौकरियां दे सकती हैं. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट बताती है कि मोबाइल कंपनियां ऐसा अपनी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कर सकती हैं. तमाम कंपनियां विस्तार योजनाओं पर भी लगातार काम कर रही हैं.

लोगों को नौकरी दिलाने में मदद करने वाली कंपनियां टीमलीज, रैंडस्टैड क्वेस और सिएल एचआर सर्विसेज जैसी स्टाफिंग कंपनियों के अनुसार, मोबाइल बनाने वाली दिग्गज कंपनियां और मोबाइल के पुर्जे बनाने वाली कंपनियां देश में बड़े पैमाने पर नौकरियां देने की योजना बना रही हैं. जो चीन से परे निर्माण के लिए वैश्विक बदलाव और भारत सरकार की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना से प्रेरित हैं.

स्टाफिंग कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक इस साल 1 लाख 20 हजार से डेढ़ लाख नई नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है. अधिकारी के अनुसार, ये नौकरियां भारत में एपल के कांट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन, और पेगाट्रॉन जैसी कंपनियां दे सकती हैं. इसके अलावा टाटा समूह, सालकॉम्प, सैमसंग और नोकिया भी बड़े पैमाने में भर्ती करने की योजना बना रही हैं.

टीमलीज सर्विसेज के सीईओ (स्टाफिंग) कार्तिक नारायण ने ईटी से कहा, “ज्यादातर मोबाइल ब्रांड और उनके कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग और असेंबली पार्टनर्स, जिनके पास पहले से ही भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है या यूनिट लगाने वाले हैं, वे हायरिंग बढ़ा रहे हैं.” 

क्वेस कॉर्प में प्रेसीडेंट (वर्कफोर्स मैनेजमेंट) लोहित भाटिया ने कहा, "इस भर्ती का अधिकांश हिस्सा तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश समेत दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के कुछ स्थानों पर होगा." उन्होंने कहा कि इसके अलावा दक्षिण भारत में भी कुछ भर्तियां होंगी. 

एपल के कांट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर फॉक्सकॉन ग्रुप को 300 एकड़ जमीन बेंगलुरु में मिली है. ये आईफोन की सबसे बड़ी फैक्ट्री होगी. समूह ने भारत में इस प्लांट पर करीब 5741 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है. इस फैक्ट्री में आईफोन को लेकर कई तरह के काम होंगे. यहां पार्ट्स बनाए जाने के साथ-साथ एप्पल के हैंडसेट भी असेंबल किए जाएंगे. इससे भारत में आईफोन आने वाले समय में और सस्ते हो जाएंगे. जाहिर सी बात है, इंडस्ट्री लगेगी तो नौकरियां भी आएंगी. 

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