इंडियन शेयर मार्केट (Indian Share Market Crash) में एक बार फिर से भयंकर गिरावट आई है. 3 अक्टूबर को मार्केट खुलने के साथ ही सेंसेक्स (Sensex) में एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई. देखते ही देखते सेंसेक्स 1200 पॉइंट्स से भी ज्यादा नीचे आ गया. वहीं, निफ्टी (Nifty) में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है. निफ्टी में भी मार्केट खुलते ही 300 से ज्यादा अंकों की गिरावट दर्ज की गई. गिरावट की वजह से निवेशकों के लगभग 6 लाख करोड़ रुपये डूब गए.
खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स 980 पॉइंट्स नीचे 83,285 के स्तर पर कारोबार कर रहा. जबकि निफ्टी भी 292 अंकों की गिरावट के साथ 25,504 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. गिरावट सबसे अधिक ऑयल, बैंकिंग, ऑटो और फाइनेंस सेक्टर में देखने को मिली है. ऑयल एंड गैस इंडेक्स में शुरुआती कारोबार में 1.2% से अधिक की गिरावट आई. हिंदुस्तान पेट्रोलियम, IOC और GSPL के शेयर्स में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है. इसके अलावा टाटा मोटर्स के शेयर में भी काफी गिरावट आई है. वहीं JSW स्टील और टाटा स्टील के शेयर्स में तेजी देखी गई.
Stock Market Crash: शेयर मार्केट क्रैश हो गया, 6 लाख करोड़ डूब गए, वजह सिर्फ इजरायल-ईरान लड़ाई नहीं है
Indian Stock Market Crash: 3 अक्टूबर को मार्केट खुलने के साथ ही Sensex 1200 पॉइंट्स से भी ज्यादा नीचे आ गया. वहीं, निफ्टी में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है. निवेशकों के लगभग 6 लाख करोड़ रुपये डूब गए.
ET की रिपोर्ट के मुताबिक, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में 5.63 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है. BSE का मार्केट कैप अब 469.23 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है. इससे पहले 30 सितंबर को भी मार्केट में भारी गिरावट दर्ज की गई थी. BSE लगभग 1272 अंक की गिरावट के साथ 84,299 के स्तर पर बंद हुआ था. जबकि NSE 368 अंक लुढ़ककर 25,810.85 के लेवल पर बंद हुआ था. जबकि 1 अक्टूबर को Sensex 33 अंक गिरकर 84,266 के स्तर पर बंद हुआ था. वहीं निफ्टी में भी 13 अंक की मामूली गिरावट आई थी.
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शेयर मार्केट में आई इस भारी गिरावट के पीछे वैसे तो कई वजहें मानी जा रही है. लेकिन, मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव को इस गिरावट के पीछे की बड़ी वजह के तौर पर देखा जा रहा है. इजरायल की तरफ से ईरान पर जवाबी हमलों की कयास लगाए जा रहे हैं. मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव की वजह से 1 अक्टूबर को कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी, जो भारत के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके साथ निवेशकों का हाई वैल्यूशन का डर भी सता रहा है. पिछले कुछ समय में शेयर मार्केट ने नई ऊंचाइयों को छुआ है. मार्केट में लगातार तेजी रही है. ऐसे में निवेशक करेक्शन के डर से मुनाफा वसूली भी कर रहे हैं. साथ ही कंपनियों की तिमाही रिपोर्ट का डर भी निवेशकों को सता रहा है. इस वजह से भी मार्केट में काफी मुनाफा वसूली हो रही है.
वीडियो: खर्चा पानी: शेयर मार्केट में भारी गिरावट की वजह क्या है?