अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डॉनल्ड ट्रंप शानदार जीत की ओर बढ़ गए हैं. राष्ट्रपति चुनाव में इलेक्टोरल कॉलेज वोटों की गिनती जारी है. कुल 538 इलेक्टोरल वोट हैं और जीत के लिए 270 वोटों की जरूरत होती है. अब तक 491 इलेक्टोरल वोटों के नतीजे आ गए हैं. ट्रप अब मैजिक नंबर के करीब पहुंच गए हैं और उन्होंने अब तक 267 वोट हासिल कर लिए हैं. जीत के लिए सिर्फ तीन वोटों की जरूरत है. वहीं, डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस भी लगातार मुकाबले में बनी हुई हैं. कमला ने अब तक 224 वोट हासिल कर लिए हैं. हालांकि, वो बहुमत के आंकड़े से काफी दूर हैं. अब सिर्फ 47 वोटों के नतीजे आना बाकी हैं.
डॉनल्ड ट्रंप की जीत पर खुश होने वालो, इससे हमें फायदे कम, नुकसान ज्यादा हो सकते हैं!
अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. कारोबार की दुनिया में यह कहावत काफी चलन में है कि अमेरिका को छींक भी आती है, तो दुनिया को जुकाम हो जाता है. आज हम भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले संभावित असर की बात करेंगे. जानेंगे कि डॉनल्ड ट्रंप की जीत भारत के लिए फायदे का सौदा होगा या नहीं?
अमेरिकी चुनाव ने आज जो भी अंतिम नतीजे होंगे, उसका असर दुनिया के दूसरे मुल्कों की अर्थव्यवस्था पर पड़ना तय है. अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. कारोबार की दुनिया में यह कहावत काफी चलन में है कि अमेरिका को छींक भी आती है, तो दुनिया को जुकाम हो जाता है. आज हम भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले संभावित असर की बात करेंगे. जानेंगे कि डॉनल्ड ट्रंप की जीत भारत के लिए फायदे का सौदा होगा या नहीं? इसका भारत की अर्थव्यवस्था और शेयर मार्केट पर क्या असर होगा . दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापार पर क्या असर होगा?
इकोनॉमिक टाइम्स और लाइव मिंट की रिपोर्ट्स में बताया गया है कि भारत पर अमेरिकी चुनाव के नतीजों का सबसे ज्यादा असर दोनों देशों के व्यापार, ऊर्जा, तकनीक और रक्षा सहयोग पर पड़ने की संभावना है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक डॉनल्ड ट्रंप और पीएम मोदी की नजदीकियां अपनी जगह हैं लेकिन अगर दोनों देशों के बीच व्यापार की बात करें तो भारत के लिए अमेरिका मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट का सबसे बड़ा मार्केट है. भारत अमेरिका को खाने पीने की चीजें, मसाले, चाय, कपड़े, लेदर का सामान, हीरे-जवाहरात और दवाएं वगैरह खूब बेचता है. अमेरिका के साथ भारत का व्यापार फायदे का सौदा है.
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने अमेरिका से कुल करीब 42.2 अरब डॉलर (करीब 3 लाख 55 हजार करोड़ रुपये) कीमत का सामान खरीदा. जबकि भारत ने इस दौरान अमेरिका को 6 लाख 52 हजार रुपये कीमत का सामान बेचा. साल 2017 से 2021 तक ट्रंप के राष्ट्रपति रहने के दौरान भारत-अमेरिका संबंधों में काफी तरक्की देखी गई. खासतौर से रक्षा संबंधों को बढ़ाने और आर्थिक सहयोग का विस्तार करने के मामले में.
हालांकि, डॉनल्ड ट्रंप के शासनकाल में भारत के साथ सब चंगा सी. ऐसा कहना भी पूरी तरह ठीक नहीं रहेगा कि ट्रंप के जीतने से भारत को फायदा ही फायदा होगा. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि अपने पहले कार्यकाल के दौरान, ट्रंप ने भारत को "टैरिफ किंग" करार दिया था. इसी साल अगस्त में एक इंटरव्यू में ट्रंप ने भारत के ऊंचे टैक्स रेट्स की आलोचना की थी. दरअसल साल 2019 में जब ट्रंप सत्ता में थे तो मोदी सरकार ने कई अमेरिकी चीजों पर मोटा टैक्स लगा दिया था. क्योंकि ट्रंप सरकार ने भारत को स्टील और एल्यूमीनियम आयात पर बढ़े हुए टैक्स से छूट देने से इनकार कर दिया था. फिर ट्रंप ने भारत को व्यापार में वरीयता की सामान्य व्यवस्था से बाहर कर दिया था. इस फैसले से भारत कई सामान अमेरिका में महंगे हो गए थे जिससे भारतीय कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा था.
तरजीह व्यापार समझौते में एक देश दूसरे देश के साथ कुछ सामानों पर शुल्क कम रखते हैं जिससे ट्रेड करना आसान हो सके. अपने कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने भारत को ईरान से तेल खरीदने और रूस से एस-400 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल लेने की भारत की योजना को लेकर कई तरह के प्रतिबंध लगाने की धमकी भी दी थी. इसके अलावा भारत में हार्ले-डेविडसन मोटरसाइकिल पर लगाए गए भारी टैक्स को लेकर भी ट्रंप समय समय पर भारत की आलोचना करते दिखते रहे हैं.
इन सब बातों से लगता है कि अमेरिका में फिर ट्रंप ने आने के बाद भारत को अमेरिका में सामान बेचने पर ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ सकता है. इसका सबसे ज्यादा असर आईटी, फार्मास्यूटिकल्स खासतौर पर जेनेरिक दवाएं और टेक्सटाइल जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर देखने को मिल सकता है. भारत अमेरिका को इन चीजों का खूब निर्यात करता है.
Donald Trump से कैसे फायदा भी हो सकता है?मार्केट रिसर्च फर्म नोमुरा ने सितंबर में एक रिपोर्ट पेश की थी. इस रिपोर्ट ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर एशिया पर पड़ने वाले असर की बातों को हाइलाइट किया गया था. इस रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि डॉनल्ड ट्रंप का राष्ट्रपति बनना भारत के लिए फायदेमंद हो सकता है. इसकी सबसे बड़ी वजह अमेरिका का चीन विरोधी होना है. भारत की जानी-मानी ब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर ट्रंप चुनाव जीतते हैं, तो इससे अमेरिका चीन के सामानों पर मोटा टैक्स लगाएगा. दुनियाभर की कंपनियों की चाइना प्लस वन की रणनीति से भारत को फायदा होगा. भारतीय की आटो कंपनियों के लिए नए निर्यात के नए रास्ते खुलेंगे. चाइना प्लस वन के तहत दुनियाभर की कंपनियां चीन के अलावा वियतनाम और भारत जैसे देशों में अपना निवेश बढ़ा रही हैं. खासतौर से कोविड के बाद से कंपनियों ने चीन के अलावा निवेश विकल्प ढूंढने शुरू किए हैं.
व्यापार के अलावा ट्रंप के जीतने से जिन चीजों पर असर होगा उनमें कई कमोडिटीज ऐसी हैं जिनके दाम बढ़ सकते हैं. पिछली बार जब ट्रंप सत्ता में थे तो उन्होंने कई चीजों पर टैक्स बढ़ा दिया था इसके चलते कई चीजों के दाम बढ़ गए थे.
जानकारों का कहना है कि कि ट्रंप की आर्थिक नीतियों से महंगाई बढ़ सकती है. वह आयात पर टैरिफ लगाना चाहते हैं, जिससे विदेशी सामान महंगे हो जाएंगे . वह कंपनियों को अमेरिका में अधिक उत्पादन करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, जिससे लागत भी बढ़ सकती है. ब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनेंशियल के अनुसार, डॉनल्ड ट्रंप की नीतियां विस्तारवादी हैं. उन्होंने कंपनियों खासकर अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों के लिए टैक्स दरों को कम करने की अपनी प्राथमिकताएं बताई हैं. इसके अलावा, उन्होंने चीन से आयात पर लगभग 60 परसेंट या उससे अधिक टैरिफ लगाने और बाकी दुनिया पर 10 से 20 परसेंट टैरिफ लगाने की अपनी मंशा जाहिर की है.
जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के मेटल्स पर टैक्स बढ़ाने से भारत के मेटल एक्सपोर्टर को फायदे हो सकता है. इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि चीन पर डॉनल्ड ट्रंप के रुख से भारतीय केमिकल एक्सपोर्ट के लिए अमेरिकी बाजार के और खुलने की उम्मीद है. कपड़ा और टाइल्स खासतौर से मोरबी सिरेमिक उद्योग की मांग बढ़ सकती है क्योंकि ट्रंप सरकार चीनी सामानों पर मोटा टैरिफ लगा सकती है. इससे अमेरिकी लोगों को भारत से इन चीजों को खरीदना मजबूरी होगी.
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शेयर मार्केट का हाल कैसे रहेगा?इसी तरह अगर ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बनते हैं तो भारत के शेयर बाजार और रुपये की कीमतों में बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है. लेमन मार्केट्स डेस्क के गौरव गर्ग ने इंडिया टुडे से जुड़े पत्रकार कौस्तव दास से बातचीत में कहा कि ट्रंप की जीत से शेयर मार्केट में शार्ट टर्म में रौनक दिख सकती है. गर्ग का कहना है कि ट्रंप की जीत से भारतीय मिडकैप आईटी फर्मों के लिए मौके पैदा हो सकते हैं. हालांकि , उन्होंने डॉनल्ड ट्रंप की जीत से फिर से ट्रेड वार की आशंका जताई है. उनका कहना है कि ट्रंप की सख्त ट्रेड पॉलिसीज से डॉलर मजबूत होगा और बॉन्ड की यील्ड पर रिटर्न बढ़ सकता है. इससे भारत जैसे उभरते बाजारों पर दबाव पड़ सकता है. विदेशी निवेशक अपना निवेश वापस अमेरिका की तरफ शिफ्ट करेंगे और इससे भारत में निवेश में कमी आ सकती है और रुपया कमजोर हो सकता है. कुल मिलाकर डॉनल्ड ट्रंप के सत्ता में आने से आर्थिक मोर्चे पर भारत को फायदे से ज्यादा नुकसान होने की आशंका ज्यादा है.
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