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कॉरपोरेट टैक्स से ज्यादा है पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन, अर्थव्यवस्था के लिए ये कैसा संकेत?

आम तौर पर कॉरपोरेट टैक्स सरकार की आय के मुख्य सोर्स में से एक होते हैं. FY 2000 के बाद से ये चौथा मौका है जब लगातार देश में PIT का कलेक्शन CIT से ज्यादा हुआ है.

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PIT का कलेक्शन CIT से ज्यादा हुआ है. (सांकेतिक तस्वीर)

देश में ऐसे कम ही मौके देखे गए हैं जब पर्सनल इनकम टैक्स (PIT) का कलेक्शन, कॉरपोरेट इनकम टैक्स (CIT) की तुलना में अधिक हुआ हो. वित्त वर्ष (FY) 2024-25 के 1 अप्रैल से 17 दिसंबर के बीच की अवधि के लिए 7,42,607 करोड़ रुपये कॉरपोरेट टैक्स का नेट कलेक्शन हुआ है. कॉरपोरेट टैक्स, उस तरह के टैक्स होते हैं जो किसी कंपनी की आय पर वसूले जाते हैं. 

इसको कंपनी टैक्स भी कहते हैं. जाहिर है अगर कंपनियों की हालत ठीक होगी, उनका कामकाज बढ़िया चलेगा, तो उनकी आय भी अच्छी होगी. ऐसे में सरकार के पास कॉरपोरेट टैक्स भी ज्यादा आएगा. अब इसकी तुलना पर्सनल इनकम टैक्स या नॉन कॉरपोरेट टैक्स से करते हैं.

इसी अवधि के लिए डिपार्टमेंट का पर्सनल इनकम टैक्स का नेट कलेक्शन 7,97,080 करोड़ रुपये है. यानी कॉरपोरेट टैक्स से 54,473 करोड़ ज्यादा. पर्सनल इनकम टैक्स में वो पैसे आते हैं जो किसी इंडिविजुअल के द्वारा टैक्स के तौर पर दिए जाते हैं. 

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आमतौर पर कॉरपोरेट टैक्स सरकार की आय के मुख्य स्रोतों में से एक होते हैं. FY 2000 के बाद से ये चौथा मौका है जब लगातार देश में PIT का कलेक्शन CIT से ज्यादा हुआ है. FY 2020-21, 2022-23, 2023-24 और फिर इस बार 2024-25 में ऐसी स्थिति बनी है. 

कुल टैक्स कलेक्शन के मामले में आंकड़ों में 16.45 प्रतिशत का उछाल आया है. FY 2024-25 की इस अवधि में 15.82 लाख करोड़ रुपये के डायरेक्ट टैक्स का नेट कलेक्शन हुआ है. ग्रॉस क्लेक्शन के मामले में ये आंकड़ा 19.21 लाख करोड़ के बराबर है. इसमें 7.6 लाख करोड़ का एडवांस टैक्स भी शामिल है. डिपार्टमेंट ने सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) के रूप में 40,144 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है. SIT, शेयर और म्यूच्यूअल फंड्स जैसी सिक्योरिटिज खरीदने पर लगाए जाते हैं.

एडवांस टैक्स के मामले में CIT में 16.7 प्रतिशत और PIT में 35 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. पिछले वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स के तौर पर 19.58 लाख करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ था. बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र ने FY 2024-25 में 38.4 लाख करोड़ रुपये के ग्रॉस टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य रखा है. इस टारगेट में 22.07 लाख करोड़ का डायरेक्ट टैक्स और 16.33 लाख करोड़ का इनडायरेक्ट टैक्स शामिल है. डायरेक्ट टैक्स आय या संपत्ति पर लगाई जाती है जबकि इनडायरेक्ट टैक्स सेवाओं (सर्विसेज) पर लगाए जाते हैं.

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