अमेरिकी टैरिफ वॉर (America Tariff War) ने भारत के शेयर बाजार (Share Market News) में भी कोहराम मचा दिया. सोमवार को जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया के शेयर मार्केट भारी गिरावट के साथ खुले थे. ऐसे में आशंका जताई गई थी कि भारत पर भी इसका असर पड़ेगा. सोमवार को जब बाजार (Indian Share Market) खुला तो ये आशंका सच साबित हो गई. निफ्टी और सेंसेक्स खुलते ही ऐसा गिरे कि हाहाकार मच गया. सेंसेक्स जहां 3000 अंकों की गिरावट के साथ शुरू हुआ. वहीं निफ्टी में भी 1000 अंकों की गिरावट देखने को मिली.
शेयर मार्केट खुलते ही मचा कोहराम, निवेशकों के 17 लाख करोड़ रुपये स्वाहा
US टैरिफ वॉर ने दुनियाभर के शेयर बाजारों में कोहराम मचाने के बाद, भारतीय स्टॉक एक्चेंज पर भी कहर बरपाया है. सोमवार को मार्केट खुलते ही Bombay Stock Exchange का Sensex 3000 अंक लुढ़क गया. जबकि National Stock Exchange के Nifty में 800 अंकों की गिरावट देखने को मिली.

आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, बीएसई सेंसेक्स अपने पिछले बंद स्तर 75,364.69 के मुकाबले 71,449 पर खुला. निफ्टी की बात करें तो यह अपने पिछले बंद 22,904 के मुकाबले 21,758 पर खुला. थोड़ी ही देर बाद दोनों इंडेक्स लगातार गिरने लगे. बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ के ऐलान के बाद से ही बाजार में मंदी छाई हुई थी. चीन के जवाबी टैरिफ के बाद तो बाजार पूरी तरह धड़ाम हो गया.
17 लाख करोड़ स्वाहाडॉनल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर ने पूरी दुनिया में उथल पुथल मचा दी है. भारत में सोमवार को मार्केट खुलते ही निवेशकों में हाहाकार मच गया. सेंसेक्स और निफ्टी ऐसे गिरे कि एक झटके में निवेशकों के 17 लाख करोड़ स्वाहा हो गए. एनडीटीवी प्रॉफिट की रिपोर्ट के अनुसार, सुबह सवा 9 बजे तक बीएसई सेंसेक्स 4.09 फीसदी गिरकर 72,296 पर आ गया. वहीं, निफ्टी 5 फीसदी गिरकर 21 हजार 758 पर आ गया. पिछले साल जून के बाद से शेयर मार्केट में यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट में बताया गया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में बिकवाली का सबसे ज्यादा असर रहा. अकेले RIL ने लगभग 62,200 करोड़ रुपये का मार्केट कैप खो दिया. TCS और एचडीएफसी बैंक ने तकरीबन 54,400 करोड़ रुपये और 38,200 करोड़ रुपये खो दिए. इतना ही नहीं, मिड-कैप शेयरों में भी गजब की गिरावट आई. इसमें Mazagon Docks ने लगभग 9,000 करोड़ रुपये, Lloyds Metals shedding ने 8,100 करोड़ रुपये और BSE Ltd. ने 5,700 करोड़ रुपये खो दिए.
स्मॉल-कैप शेयरों की बात करें तो Chola Holdings, Wockhardt और Sarda Energy सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले शेयरों में शामिल रहे. मार्केट क्रैश में इन शेयरों ने क्रमशः 2,500 करोड़ रुपये, 2,100 करोड़ रुपये और 1,900 करोड़ रुपये गंवा दिए. कुल मिलाकर 'ब्लैक मंडे' के बिग मार्केट क्रैश में निवेशकों के 19 लाख करोड़ रुपये साफ हो गए.
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सिर्फ भारत ही नहीं, पड़ोसी चीन, हांगकांग, दक्षिण कोरिया और जापान के बाजारों में भी हाहाकार मचा है. 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, टोक्यो के निक्केई 225 इंडेक्स में बाजार खुलते ही लगभग 8% की गिरावट दर्ज की गई. एक घंटे बाद यह 7.1% की गिरावट के साथ 31,375.71 पर आ गया. दक्षिण कोरिया का कोस्पी 5.5% की गिरावट के साथ 2,328.52 पर पहुंच गया, जबकि ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी/एएसएक्स-200 इंडेक्स 6.3% की गिरावट के साथ 7,184.70 पर आ गया.
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