नए फाइनेंशियल ईयर का आगाज होने में चंद दिन बचे हैं. 1 अप्रैल 2025 से नया फाइनेंशियल ईयर (Financial Year) शुरू हो जाएगा. वैसे तो हर महीने की पहली तारीख को आपके काम के कुछ बदलाव होते हैं. लेकिन फाइनेंस की दुनिया में एक अप्रैल की तारीख बहुत मायने रखती है. क्योंकि एक अप्रैल से ही आम बजट में ऐलान हुए फैसले अमल में आते हैं. अब ये डेट काफी नजदीक आ चुकी है. इस तारीख से आपकी जेब और आपकी जिंदगी पर सीधा असर डालने वाले कई बड़े बदलाव दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं. नया फाइनेंशियल ईयर शुरू होते ही टैक्स, बैंकिंग, यूपीआई और क्रेडिट कार्ड से जुड़े नए नियम और बदलाव लागू होने जा रहे हैं. उदाहरण के लिए एक अप्रैल से इनकम टैक्स के नियम बदलने वाले हैं. कुछ बैंकों ने मिनिमम बैलेंस के नियम बदले हैं. इनमें से कुछ नियम तो ऐसे हैं जिनके बारे में जानना आपके लिए बेहद जरूरी है. वरना आपकी जेब पर भारी चपत लग सकती है. तो समझते हैं कि क्या-क्या बदलने वाला है.
इनकम टैक्स, मिनिमम बैलेंस, FD रेट, UPI, कार प्राइस... 1 अप्रैल से बहुत कुछ बदल जाएगा
नया Financial Year शुरू होते ही Tax, Banking, UPI और Credit Card से जुड़े बदलाव लागू होने जा रहे हैं. सबके बारे में तसल्ली से जानिए.

मोदी सरकार ने फरवरी में पेश हुए बजट में टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया था. ये ऐलान एक अप्रैल से अमल में आएंगे. अब बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दी गई है. इसके अलावा जिन लोगों ने न्यू टैक्स रिजीम का विकल्प चुना है उनकी तो एक अप्रैल से बल्ले-बल्ले होने वाली है. क्योंकि ऐसे लोगों को 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा. लेकिन अगर नौकरी करते हैं यानी सैलरी वाले हैं तो 75 हजार का स्टैंडर्ड डिडक्शन और मिलेगा. इस तरह से नौकरीपेशा लोगों को 12 लाख 75 हजार तक कोई इनकम टैक्स नहीं चुकाना होगा. माना जा रहा है कि मिडिल क्लास को इससे बड़ा फायदा होने वाला है.
पहले न्यू टैक्स रिजीम में 7 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता था. मिडिल क्लास ही नहीं, एक अप्रैल 2025 से मोटी कमाई करने वाले लोगों को भी राहत मिलेगी. अब 24 लाख से ज्यादा कमाने वाले लोगों को 30 परसेंट टैक्स चुकाना होगा. पहले 15 लाख से ऊपर की कमाई पर 30 परसेंट का टैक्स लगता था. कुल मिलाकर, सरकार ने इस बजट के जरिए करदाताओं की जेब में ज्यादा पैसा छोड़ने और उनकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है.
बैंकों में मिनिमम बैलेंस के नियम और सख्त होने जा रहे हैं. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक और केनरा बैंक समेत कई बैंकों ने मिनिमम बैलेंस को लेकर शर्तें बदली हैं. सरकारी न्यूज बेवसाइट डीडी न्यूज के मुताबिक अब इन बैंकों के ग्राहकों को शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों के हिसाब से अपने बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन करना पड़ सकता है. ऐसा न करने वाले ग्राहकों को पेनाल्टी देनी पड़ सकती है. इस पेनाल्टी की रकम बैंक अकाउंट की कैटेगरी के हिसाब से अलग-अलग होगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब इन बैंकों के ग्राहकों को शहरी इलाकों में 5,000 रुपये और ग्रामीण इलाकों में 2,000 रुपये मिनिमम बैलेंस मेंटेन करना पड़ सकता है. हालांकि बैंक की तरफ से इसको लेकर अभी कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है.
एसबीआई क्रेडिट कार्ड ऑफरदेश में क्रेडिट कार्ड जारी करने के मामले में दूसरे नंबर पर एसबीआई कार्ड है. उसने क्रेडिट कार्ड के लिए अपने रिवॉर्ड प्रोग्राम में कई संशोधन किए हैं. ये बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू हो जाएंगे. इन बदलाओं का असर एसबीआई के कुछ पॉपुलर क्रेडिट कार्ड पर पड़ेगा. जैसे क्लब विस्तारा एसबीआई क्रेडिट कार्ड, क्लब विस्तारा एसबीआई प्राइम क्रेडिट कार्ड, सिम्पलीक्लिक एसबीआई कार्ड, एयर इंडिया एसबीआई प्लेटिनम क्रेडिट कार्ड और एयर इंडिया एसबीआई सिग्नेचर क्रेडिट कार्ड. बैंक ने कंप्लीमेंटरी फ्लाइट टिकट वाउचर्स को खत्म कर दिया है. इसके अलावा कई तरह की खरीदारी पर भी रिवार्ड प्वाइंट्स घटाने का एलान किया है.

बैंक अब अपने चुनिंदा कार्ड पर स्विगी से ट्रांजेक्शन और एयर इंडिया से टिकट बुक करने पर कम पॉइंट देगा. लेकिन बैंक ने एक काम अच्छा किया है कि कार्ड रिन्यूवल के दौरान लगने वाली फीस जो कि करीब 3000 होती है, इसे माफ करने की बात कही है. एसबीआई के अलावा एक्सिस बैंक ने भी अपने विस्तारा क्रेडिट कार्ड की शर्तों और ऑफर में संशोधन पेश किए हैं . ये बदलाव सभी एक्सिस बैंक क्रेडिट कार्ड पर लागू होंगे. बैंक के मुताबिक जिन ग्राहकों के कार्ड का रिन्यूवल 18 अप्रैल, 2025 को या उसके बाद होना है, उनसे हर साल लगने वाला चार्ज नहीं लिया जाएगा. 18 अप्रैल, 2025 से पहले रिन्यूवल करने वाले ग्राहकों से ये शुल्क लिया जाएगा. हालांकि बैंक का कहना है कि कुछ खास फायदे अब नहीं मिलेंगे. जैसे कि कंप्लीमेंट्री महाराजा क्लब मेंबरशिप और कुछ तय खर्चों पर मिलने वाले फ्री वाउचर्स भी नहीं मिलेंगे.
सरकार ने एफडी से ब्याज कमाने वाले वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में स्रोत पर कर कटौती यानी टीडीएस नियमों में कई संशोधन किए हैं. ये नियम एक अप्रैल से लागू हो रहे हैं. 1 अप्रैल 2025 से ब्याज आय पर टीडीएस (TDS) छूट की सीमा बढ़ा दी गई है. 1 अप्रैल से फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी, रिकरिंग डिपॉजिट यानी आरडी वगैरह पर होने वाली एक लाख तक की ब्याज आय पर टीडीएस नहीं कटेगा. अभी तक यह सीमा 50 हजार थी. लेकिन अब सीनियर सिटीजंस के लिए यह लिमिट दोगुनी कर दी गई है.

इससे उन सीनियर सिटीजंस को काफी फायदा होगा जो FD से मिले ब्याज से अपना गुजारा करते हैं. इसके अलावा सामान्य लोगों के यानी जो सीनियर सिटीजन नहीं हैं. उन्हें अब एफडी या आरडी से 50,000 रुपये की कमाई पर टैक्स नहीं चुकाना होगा. पहले बैंक और डाकघर से 40,000 रुपये तक की ब्याज आय पर TDS नहीं लगता था, लेकिन इस बार के बजट में सरकार ने ये सीमा बढ़ा दी थी. लेकिन नया बदलाव एक अप्रैल से प्रभावी होगा.
कमीशन पर छूटबजट 2025 में इंश्योरेंस एजेंटों और ब्रोकरों को उनके मिले कमीशन पर टीडीएस लिमिट बढ़ाई गई थी. सरकार ने बीमा कमीशन के लिए टीडीएस सीमा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दी है. यह बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा.
डिविडेंड से कमाईअगर आप शेयर बाजार में निवेश करके डिविडेंड से कमाई करते हैं, तो सरकार ने आपके लिए अच्छी खबर दी है. 1 अप्रैल 2025 से, डिविडेंड से होने वाली कमाई पर TDS की छूट की सीमा बढ़ा दी गई है. अगर आपकी म्यूचुअल फंड या शेयरों से डिविडेंड इनकम 10 हजार रुपये तक है तो टीडीएस नहीं चुकाना पड़ेगा. अभी तक 5,000 रुपये तक के डिविडेंड पर TDS चुकाना पड़ता था .
पैसा विदेश भेजने पर टैक्स1 अप्रैल 2025 से RBI की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम यानी LRS के तहत अगर आप अब विदेश में पढ़ रहे अपने बच्चों की फीस या अन्य खर्चों के लिए 10 लाख रुपये भेजते हैं, तो आपको कोई टीसीएस नहीं देना होगा. अब तक शिक्षा और चिकित्सा के लिए 7 लाख रुपये से ज्यादा पैसे भेजने पर 5 फीसदी टीसीएस देना पड़ता था. इस बदलाव से उन लोगों खासतौर से माता-पिता को फायदा होगा जिनके बच्चे विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं.
UPI के नए नियमसरकार ने यूपीआई के जरिये लेनदेन की सिक्योरिटी बढ़ाने के लिए नए नियम जारी किये हैं. ये नियम एक अप्रैल से लागू होंगे. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी NPCI के मुताबिक बैंकों, UPI पेमेंट ऐप्स और थर्ड पार्टी UPI सर्विस प्रोवाइडर्स को हर हफ्ते अपने डेटा को अपडेट करना जरूरी होगा. सभी UPI सर्विस प्रोवाइडर्स को 31 मार्च, 2025 तक नए नियमों का पालन करना होगा. दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार अगर किसी मोबाइल नंबर को 90 दिनों तक इस्तेमाल नहीं किया गया, तो उसे टेलीकॉम कंपनी दूसरे को अलॉट कर सकती है.

आम तौर पर यदि कोई ग्राहक 3 महीने तक किसी मोबाइल नंबर पर कोई कॉल या टेक्स्ट नहीं करता है या इंटरनेट डेटा का इस्तेमाल नहीं करता है, तो उसे टेलीकॉम कंपनी डीएक्टीवेट कर देती है. एक अप्रैल से बैंक और UPI ऐप ग्राहकों के मोबाइल नंबर रिकॉर्ड को कम से कम हफ़्ते में एक बार जांचेंगे और अपडेट करेंगे, ताकि बदले गए मोबाइल नंबरों के कारण गलत लेनदेन न हो. UPI ऐप को अब आपकी सहमति लेनी होगी कि आप UPI नंबर को सीड या पोर्ट करना चाहते हैं या नहीं. UPI नंबर आपका बैंक-सत्यापित फोन नंबर है, जो यूपीआई आईडी के रूप में काम करता है. 1 अप्रैल, 2025 से बैंकों और UPI ऐप्स को NPCI के साथ हर महीने रिपोर्ट साझा करनी होगी कि वे न्यूमेरिक UPI आईडी को कैसे संभालते रहे हैं.
महंगी होंगी कारेंकई कार कंपनियों ने 1 अप्रैल से अपनी गाड़ियों के दाम बढ़ाने का ऐलान किया है. मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक महिंद्रा एंड महिंद्रा अप्रैल 2025 से अपनी एसयूवी और कमर्शियल व्हीकल रेंज की कीमतों में 3 परसेंट तक की बढ़ोतरी करेगी. टाटा मोटर्स अपनी नेक्सन, पंच, कर्व, हैरियर, सफारी, टिगोर, टियागो, अल्ट्रोज़, सीएनजी और इलेक्ट्रिक मॉडल की कीमतों में 3 परसेंट का इजाफा करेगी.

इसके अलावा मारुति सुज़ुकी ने भी अपने सभी मॉडलों के दाम में एक बार फिर बढ़ोतरी की घोषणा की है. हालांकि कंपनी ने अभी तक ये नहीं बताया है कि अप्रैल में कितनी बढ़ोतरी होगी. इससे पहले जनवरी में कंपनी ने अपनी गाड़ियों के दाम में 4 परसेंट और फरवरी में 1 परसेंट से लेकर चार परसेंट तक का इजाफा किया था.
गैस सिलेंडर सस्ताएक अप्रैल से गैस सिलेंडर और सीएनजी की कीमतों में बदलाव देखने को मिल सकता है. हर महीने की 1 तारीख को एलपीजी और सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में बदलाव होता है. 1 मार्च को एलपीजी सिलेंडर के नए रेट जारी किए गए हैं, जिसमें 19 किलो वाले कॉमर्शियल LPG सिलेंडर के दाम में बढ़ोतरी की गई है. एक मार्च को 19 किलो वाले कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में 6 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी. लेकिन 14.2 किलो वाले रसोई गैस सिलेंडर के दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी.
वीडियो: खर्चा-पानी: एक अप्रैल से होने जा रहे बड़े वित्तीय बदलाव