The Lallantop

अडानी के अरबों रुपए डूबे, इस ट्रिक का इस्तेमाल हुआ था!

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी समूह को भारी नुकसान हुआ है.

post-main-image
गौतम अडानी. (फाइल फोटो)

दुनिया के तीसरे सबसे अमीर आदमी गौतम अडानी (Gautam Adani) के अडानी समूह को लेकर अंतरराष्ट्रीय फाइनेंशियल रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के खुलासे के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है. दरअसल, 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट के आने के बाद 25 जनवरी को एक ही दिन में अडानी समूह की कंपनियों के मार्केट कैप में ढाई लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम गंवा दी थी.

इसके बाद 27 जनवरी को भी अडानी समूह की कंपनियों में भारी गिरावट देखने को मिली है. अमेरिका की इस इनवेस्टमेंट रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर कई खुलासे किए हैं. कंपनी की प्रोफाइल के मुताबिक, ये कंपनी एक एक्टिविस्ट शॉर्ट सेलर है . अब शॉर्ट सेलर को समझने के लिए पहले समझते हैं कि शॉर्ट सेलिंग क्या होती है.

क्या है शॉर्ट सेलिंग?

किसी शेयर को कम भाव पर खरीदकर उसे चढ़ने पर बेचना आमतौर पर शेयर मार्केट में मुनाफा कमाने का हिट फार्मूला माना जाता है. कारोबार की दुनिया में इसे लॉन्ग पोजीशन कहते हैं. ये तरीका आमतौर पर निवेशक तब अपनाते हैं, जब मार्केट में तेजी की संभावना होती है. यानी बाजार बुलिश रहने की संभावना होती है. लेकिन इसके उलट जब बाजार में मंदी (बियर) की आशंका चल रही होती है और किसी कंपनी के शेयर के भाव में गिरावट का अनुमान होता है, तब शॉर्ट पोजीशन का तरीका अपनाया जाता है. मतलब, निवेशक को लगता है कि भविष्य में शेयर की कीमतें गिरेंगी और इससे फायदा होगा. एक्टिविस्ट शॉर्ट सेलर निवेशकों को समझाते रहते हैं कि कंपनी ओवरवैल्यूड (कर्ज में डूबी) है. जिस कंपनी पर ये शॉर्ट सेलर फोकस करते हैं, उसके बारे में इस तरह की खबरें आने के बाद कई बार कंपनी का शेयर रसातल पर पहुंच जाता है और शॉर्ट सेलर पैसा कमाता है.

अडानी की बाजार वैल्यू घटी

इस हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन, यानी 27 जनवरी को शुरुआती कारोबार में अडानी समूह की कंपनियों के शेयर 20 फीसदी तक लुढ़क गए. अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड का शेयर 19 फीसदी गिर गया. अडानी टोटल गैस भी करीब करीब 19 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था. अडानी ग्रीन एनर्जी करीब 16 फीसदी टूट गया. अडानी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज का शेयर 6 फीसदी से ज्यादा टूट गया. वहीं बीते दो कारोबारी दिनों की बात करें, तो अडानी समूह के शेयरों की बाजार वैल्यू 2.37 लाख करोड़ रुपये कम हो गई है. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, 27 जनवरी को अडानी ग्रुप के 10 शेयरों का मार्केट कैप 24 जनवरी के 19.20 लाख करोड़ रुपये से 12 फीसदी गिरकर अब 16.83 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है.

आपको बता दें कि हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी ग्रुप की शेयर बाजार में लिस्टेड अहम कंपनियों पर काफी कर्ज है. आसमान छूते वैल्यूएशन वाले इन शेयरों को गिरवी रखकर कर्ज लिया गया है, जिससे पूरे ग्रुप की वित्तीय स्थिति मुश्किल में पड़ सकती है. शॉर्ट टर्म में कंपनी को कैश फ्लो के मामले में दिक्कत हो सकती है. अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर बहुत महंगे हैं. इनका वैल्यूएशन आसमान पर है. इसलिए फंडामेंटल एनालिसिस के हिसाब से इनमें 85 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी ग्रुप के खिलाफ 4 बड़ी जांच हो चुकी है. जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और करप्शन जैसे आरोप लगे थे. अडानी परिवार के सदस्यों पर कथित तौर पर टैक्स हेवेन, जैसे- मॉरिशस, यूएई, कैरिबियाई द्वीपसमूहों में फर्जी कंपनियां खोलने के भी आरोप हैं. हालांकि, अडानी समूह ने इसे पूरी तरह से भ्रामक रिपोर्ट करार दिया है.

वीडियो: खर्चा पानी: हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए