पेट्रोल पंप से जुड़ी एक टिप अक्सर शॉर्ट्स के सूरमाओं और रील्स के रीलबाज़ों की तरफ से दी जाती है. बताया जाता है कि कभी भी राउंड फिगर में पेट्रोल नहीं डलवाने का. मसलन 100 या 500. हमेशा ऑड नंबर में तेल भरवाओ जैसे 102, 505. ज्ञान ये दिया जाता है कि ऐसे नंबर तो पेट्रोल पंप पर पहले से सेट होते हैं. मतलब पेट्रोल चोरी की आशंका हो सकती है. पहले से 100 सेट है तो भले स्क्रीन इतना ही पेट्रोल दिखाए, तेल थोड़ा कम मिलेगा. भइया कहां से आता है ये अद्भुद ज्ञान. कोई सबूत तो दो. वो तो है नहीं.
पेट्रोल पंप पर जीरो और राउंड फिगर के चक्कर में फंसे रहे तो चोरी की निंजा टेक्निक के शिकार बन जाओगे
Instagram के बड़े-बड़े सूरमा और रीलबाजों की मुंहज़ुबानी आपने वो पेट्रोल पंप वाला #ज्ञान तो सुना ही होगा. अरे वही कि पेट्रोल भराते समय हमेशा राउंड फिगर में तेल भरवाना चाहिए. ऐसा करने से पेट्रोल की चोरी से बच जाएंगे, वगैरा-वगैरा.मगर सब ज्ञान ही देते हैं, इसका सबूत कोई नहीं देता. अजी सोचिए अगर नंबर 100 के लिए सेट है तो 101 के लिए भी होगा. इसलिए इधर नहीं बल्कि उधर 'जंप' मारिए जहां हम बता रहे.

ऐसे ज्ञान के वीडियो तमाम मिलते हैं मगर प्रूफ किसी ने नहीं दिया. वैसे सोचने वाली बात है. अजी आप भी सोचिए. जब 100-500 सेट हो सकते हैं तो 101 और 503 क्यों नहीं. सॉफ्टवेयर क्या इन अंकों पर काम नहीं करेगा. इसलिए पेट्रोल हमेशा अपनी जरूरत के हिसाब से भरवाइए. हां कुछ जरूरी बातें जरूर जान लीजिए.
आंखों की गुस्ताखियांअब मशीन के अंदर कोई गड़बड़ी है, कोई नंबर सेट हैं तो उसे पकड़ना तो बेहद मुश्किल है. पेट्रोल कम मिला है तो उसको पकड़ने का एक ही तरीका है. या गड्डी से पेट्रोल निकालकर मापा जाए या फिर अलग से बोतल में लेकर चेक किया जाए. बोतल में चेक करने का जुगाड़ तो हर पेट्रोल पंप पर होता है. अगर आपको गड़बड़ी की बू आ रही तो चेक कर लो.
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मगर जो आंखों के सामने घट रहा वो चेक करना मुश्किल नहीं. हम बात कर रहे हैं जंप स्टार्ट की. आजकल हर पेट्रोल पंप पर तेल भरवाने से पहले जीरो दिखाया जाता है. उसके बाद लीवर से खटाक की आवाज आती है. आपने इस आवाज पर गौर करना है और साथ में स्क्रीन पर भी. ये खटका एक बार ही दबना चाहिए. मतलब एक बार प्रेस किया और थोड़ा तेल डाला, फिर प्रेस किया और फिर तेल डाला तो समझ लीजिए झोल है रे बाबा.
अब इसके साथ स्क्रीन पर निगाह रखिए. जीरो बोला है तो जीरो से ही मीटर आगे जाना चाहिए. कई बार ये 5-8-10 या किसी और नंबर से स्टार्ट होता है. ये गड़बड़ है. दिक्कत ये है कि ये सब इतनी जल्दी होता है कि इसको समझना मुश्किल है. इसलिए इसका ध्यान रखें.
इसके साथ एक और काम कर सकते हैं. अगर हो सके तो अलग-अलग पेट्रोल पंप से तेल भरवाना चाहिए. उसके बाद गाड़ी का माइलेज सब बता देता है. मतलब हर किसी को अंदाजा होता है कि कितने पेट्रोल पर कितनी गाड़ी चलेगी. अब जो इसमें बड़ा फर्क आ रहा तो समझ जाइए. पेट्रोल भरवाना एक लगातार चलती प्रक्रिया है तो ये गुना-गणित करना कोई मुश्किल नहीं.
एक और जरूरी चीज जो आपको ध्यान रखनी है, वो है पेट्रोल की डेंसिटी. इसका स्टैंडर्ड तय है. इसके बारे में हमने विस्तार से बात की है. स्टोरी लिंक ये रही.
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