आज की तारीख़ में कार खरीदना कितना आसान है! आपको बस सोचना है कि कौन सी कार लेनी है. सिर्फ़ सोचना ही है क्योंकि आजकल तो शोरूम जाने की भी जरूरत नहीं. वेबसाइट पर फीचर्स देख लो और डीलर को हेलो बोल दो. उनका बंदा घर आयेगा और सारी औपचारिकताएं पूरी कर देगा. CIBIL अच्छा हुआ तो 90 फीसदी तक लोन हो जाता है. आजकल तो सप्लाई भी इतनी ज़्यादा है कि कार मेकर्स मोटा डिस्काउंट भी दे रहे हैं. ऐसे में अगर किसी को सालों तक कार की डिलीवरी ना मिले तो? कार के इंतजार में उसकी मां का निधन हो गया हो तो?
लाखों का लोन, किश्तों पर किश्तें, कैंसर पीड़ित मां दुनिया से चली गई, लेकिन स्कोडा वालों की कार नहीं आई!
केरल की दीपिका सुशीलन (Deepika Susheelan) बुकिंग अमाउंट और 3 लाख रुपये देने के बाद भी साल 2022 से स्कोडा स्लाविया (Skoda Slavia) की डिलीवरी का इंतजार कर रही हैं. आठ लाख का कार लोन भी है जिसकी हर महीने की 12,081 रुपये ईएमआई भी कटती रही.
आप पक्के तौर पर कहेंगे कि इंडिया में ऐसा होना नामुमकिन है. जरूर बाहर देश की बात होगी. मगर जनाब ये वाकया केरल का है. जहां दीपिका सुशीलन (Deepika Susheelan) नाम की एक महिला पैसे देने के बाद पिछले अढ़ाई साल से स्कोडा स्लाविया (Skoda Slavia) का इंतजार कर रही हैं. पूरा मामला विस्तार से जानते हैं.
ईएमआई कट रही मगर कार का पता नहींकेरल की दीपिका सुशीलन (Deepika Susheelan) जो पेशे से फिलम क्यूरेटर हैं. मतलब निर्देशकों से लेकर प्रोडक्शन हाउस को फिल्में सुझाती हैं. उन्होंने 4 अप्रैल 2022 को स्कोडा इंडिया की वेबसाइट से लग्जरी सेडान स्लाविया बुक की. प्रोसेस पूरी होते ही त्रिवेंद्रम में स्थित स्कोडा-मलयालम मोटर्स पर 16 लाख रुपये की क़ीमत वाली गड्डी के लिए उन्होंने 25 हजार रुपये भी जमा कर दिए.
आजतक के अश्विन सत्यदेव की रिपोर्ट के मुताबिक, दीपिका की मां गंभीर रूप से कैंसर पीड़ित थीं, इसलिए उनको जल्द से जल्द गाड़ी चाहिए थी. प्रोसेस को तेज करने के लिए उन्होंने डीलर को 3 लाख रुपये और अदा कर दिए. दीपिका 8 लाख का लोन चाहती थीं जो बैंक से अप्रूव हो गया और बैंक ने भी 8 लाख रुपये डीलर के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए. माने कुछ दिनों के भीतर 11.25 लाख रुपये का भुगतान हो गया. क्योंकि लोन हो गया था तो ईएमआई का मीटर भी डाउन हो गया. बस डीलर की तरफ से कार की डिलीवरी की कोई तारीख दीपिका को नहीं दी गई. अप्रैल के बाद पूरा मई भी निकल गया मगर कार का कोई अता-पता नहीं.
इतने बीच में दीपिका की मां का निधन हो गया भी हो गया. डीलर से संपर्क करने पर कुछ महीने इंतजार करने को कहा गया. आजिज आकर उन्होंने स्कोडा के कस्टमर केयर से बात की जहां से भी उनको रटे हुए जवाब जैसे एक शिकायती नंबर थमा दिया गया. कार को स्पीड नहीं मिलते देख उन्होंने उसको कैंसिल करने का फैसला लिया. मलयालम मोटर्स और स्कोडा की तरफ़ से उनको मेल पर आश्वस्त किया गया कि अगस्त तक उनके पैसे वापस हो जाएंगे. ध्यान रहे कि इतने बीच में दीपिका हर महीने 12,081 रुपये ईएमआई भी चुका रही थीं.
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अगस्त निकला, सितंबर निकला और साल भी निकल गया. मगर पैसे वापस नहीं मिले. इतने बीच में मलयालम मोटर्स भी बंद हो गई. थक हारकर दीपिका कंज्यूमर कोर्ट पहुंचीं और केस दर्ज करवाया. स्कोडा इंडिया को फर्स्ट पार्टी, मलयालम मोटर्स को सेकंड पार्टी और बैंक को थर्ड पार्टी बनाकर केस हुआ. दीपिका को फरवरी 2024 में ईएमआई पर स्टे मिल गया है लेकिन तब तक वो 20 ईएमआई माने ढाई लाख रुपये भर चुकी थीं. कुल मिलाकर 6 लाख रुपये नगद दे चुकी हैं और 8 लाख का लोन भी है मगर कार का पता नहीं. मलयालम मोटर्स की जगह अभी पीपीएस मोटर्स है, जिसके पास भी कोई जवाब नहीं. स्कोडा का भी कोई जवाब फिलहाल नहीं आया है.
घर की चाबी मिलने में देरी और लोन की किस्त शुरू होने के तमाम किस्से तो आपने खूब पढ़े होंगे मगर कार का किस्सा एकदम अनोखा है. कार के चक्कर में दीपिका 'बेकार' परेशान हो रखी हैं.
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