आमतौर पर ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि कोई प्रोडक्ट लॉन्च हो और सीधे मार्केट में छा जाए. आमतौर पर ऐसा भी कम ही देखने को मिलता है कि लॉन्च के 25 साल भी प्रोडक्ट का रुतबा रत्ती भर भी कम ना हुआ हो. आमतौर पर, नहीं, ऐसे प्रोडक्ट को आम नहीं बल्कि खास कहना ठीक रहेगा. हम चला रहे हैं, बात Honda Activa की. जापानी स्कूटर ने साल 2001 में भारत की सड़कों पर आते ही जो स्पीड पकड़ी, वो आज भी जारी है. सारे स्कूटर ब्रांड एक तरफ और दो पहिये की ये लग्जरी सवारी एक तरफ.
Honda Active e में 'करंट' बहुत है, लेकिन चार्जर से लेकर स्पेस तक 'झटके' बहुत देगी
Honda Activa मतलब दो पहिये वाली लग्जरी सवारी. जापानी स्कूटर ने साल 2001 में भारत की सड़कों पर आते ही जो स्पीड पकड़ी, वो आज भी जारी है. लेकिन क्या यही बात Honda Activa के इलेक्ट्रिक वर्जन Activa e के लिए कही जा सकती है?

लेकिन क्या यही बात Honda Activa के इलेक्ट्रिक वर्जन के लिए कही जा सकती है. कुछ महीने पहले लॉन्च हुआ और अब सड़कों पर नजर आ रहा मॉडल Activa e वाकई 440 वोल्ट का झटका है या फिर फ्यूज़ बल्ब, समझने की कोशिश करते हैं.
Activa e आखिर है क्या?देश में इस समय इलेक्ट्रिक वाहनों की आमद तेज है. हर कंपनी अपने प्रोडक्ट लॉन्च कर रही है. देर सवेर होंडा को भी ऐसा करना ही था. कंपनी ने पिछले साल नवंबर में अपने दो स्कूटर Activa e और QC1 440 लॉन्च किए. Activa e टॉप मॉडल है जिसका दाम बैटरी क्षमता के हिसाब से 1.17 लाख से 1.52 एक्स शोरूम तक जाता है. QC1 की कीमत 90 हजार एक्स शोरूम है. कंपनी ने बेंगलुरू के बाद अभी सिर्फ मुंबई और दिल्ली के लिए ही बुकिंग ओपन की है. वैसे अजीब बात ये है कि होंडा इलेक्ट्रिक स्कूटर सेक्टर में कोई नई नहीं है. साल 1994 में कंपनी ने अपना पहला ई-स्कूटर CUV-ES जापान में लॉन्च किया था.
ऐसे में भारतीय बाजार में तकरीबन 5 साल की देरी से आना एक्सपर्ट को 'देर आए दुरुस्त आए' तो एकदम नहीं लग रहा. अब देरी हुई या देरी कर दी, ये तो कुछ वक्त में पता चल ही जाएगा. मतलब जब स्कूटर सड़क पर दौड़ेंगे तो उनका असल ‘करंट’ पता चल ही जाएगा. लेकिन उसके पहले कुछ बातें कंपनी के पक्ष में नहीं दिखतीं. कई एक्सपर्ट ने भी इसके बारे में साफगोई से बोला है.
#बैटरी और नो चार्जिंग: अब बात इलेक्ट्रिक स्कूटर की है तो सबसे पहले बैटरी और चार्जिंग की बात ही होगी. कंपनी ने Activa e स्कूटर में एक नहीं बल्कि दो बैटरी लगाकर दी हैं. फुल चार्ज में 102 किलोमीटर रेंज का दावा भी है. लेकिन चार्जिंग का प्रबंध नहीं है. आप सही पढ़े. मतलब चार्जर है ही नहीं. अलग से पैसा देने पर भी नहीं मिलेगा. चार्जिंग खत्म होने पर आपको कंपनी के सेंटर पर जाना होगा. वहां पुरानी बैटरी बदलकर नई लेनी होगी. अजीब बात ये है कि कंपनी जापान में स्कूटर का चार्जर बेचती है, भले पैसे अलग से लेती है.
खैर इतना तो आप सह भी लेंगे, मगर...
#सब्सक्रिप्शन लेना होगा: होंडा बैटरी के BaaS मॉडल पर काम कर रही है. मतलब Battery as a Subscription या billing-аs-а-serviсe (BааS). माने गाड़ी भले आपने खरीद ली लेकिन बैटरी की मालिक तो कंपनी हुई. इसके लिए ग्राहक को महीने के कम से कम 1999 रुपये प्लस GST देने होंगे. कंपनी के मुताबिक इतने पैसे में रोज 40 किलोमीटर चलने का जुगाड़ है. अगर 3599 रुपये प्लस GST खर्च करेंगे तो बड़ी बैटरी मिलेगी, जो रोज 100 किलोमीटर चलेगी. अब जरा गुणा-गणित लगाते हैं. 40 किलोमीटर के हिसाब से हुए महीने के 1200 किलोमीटर. 2000 प्लस 18 फीसदी GST के हिसाब से जोड़ हुआ 2242 रुपये. इस हिसाब से 1.86 रुपये हर किलोमीटर के.
इतना तो आप सह ही लेंगे, मगर...
एक्टिवा के 125cc स्कूटर को चलाने का खर्च 2 रुपये प्रति किलोमीटर आता है. कंपनी वैसे 55 किलोमीटर का माईलेज बोलती है और 45 से 50 का मिल जाता है. पेट्रोल की कीमत 100 रुपये भी पकड़ लें तो 2 रुपये में मामला सेट. इसका दाम भी अधिकतम 1 लाख 10 हजार तक ही जाता है. मतलब इलेक्ट्रिक वाहन चलाने में जो कम खर्च वाली बात है वो यहां तो लागू नहीं होती.
इतना तो आप सह ही लेंगे, मगर…
#स्पेस नहीं मिलेगा: क्योंकि जहां हेलमेट और सब्जी रखने की जगह होती है वहां तो बैटरी रखी है. इसकी वजह से गाड़ी का वजन भी नॉर्मल एक्टिवा से 12 किलो ज्यादा है. बैटरी भी 10 किलो की है. माने चार्जिंग स्टेशन पर उतारना और चढ़ाना कोई अच्छा अनुभव तो होगा नहीं.
कुल जमा बात ये कि इलेक्ट्रिक एक्टिवा वो वाली एक्टिवा तो है नहीं जिसकी आम भारतीय को आदत लगी है. इतना सब होते हुए भी कंपनी का नाम होंडा है तो सफर के मक्खन होने की उम्मीद है.
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