सच्ची-सच्ची बताना, गाड़ी चलाते समय आपका किस-किस बात के लिए चालान कटा है. आप भले कहें कि नहीं मेरा कोई चालान आज तक नहीं फटा क्योंकि मैं तो सारे ट्रैफिक नियम मानता हूं ,मगर सच्चाई सभी को पता है. हम सभी का कभी ना कभी ओवर स्पीड के लिए, रेड लाइट जंप करने के लिए, बिना हेलमेट बाइक चलाने के लिए चालान फटा है. ये अलग बात है कि ऐसा होने के बाद आप नियम से सारे नियम फॉलो कर रहे होंगे. एकदम दुरुस्त. करना भी चाहिए. सब ठीक मगर क्या कभी गड्डी में कम तेल के चालान हुआ है.
गाड़ी में तेल कम हो तो कट सकता है चालान, ट्रैफिक का ये नियम पता था? जान लीजिए काम आएगा
गाड़ी में तेल कम (Low Fuel Challan) होने के कारण चालान का यह मामला शायद कभी देखने को नहीं मिला हो. लेकिन यातायात के नियमों में ऐसा नियम सच में शामिल है. नियम के अनुसार, यदि कोई व्यावसायिक वाहन किसी यात्री के साथ फ्यूल भराने के लिए रुकता है, तो ट्रैफिक पुलिस उस वाहन का 250 रुपये तक का चालान काट सकती है.

क्या हुई, पढ़कर गाड़ी और दिमाग का ब्रेक लग गई. गाड़ी में कम या ज्यादा तेल का चालान से क्या लेना-देना. मेरी गाड़ी, मैं चाहे जितना तेल डालूं. टंकी फुल रखूं या आखिरी बूंद तक इस्तेमाल करूं. नहीं जनाब ऐसा नहीं है. नियम जान लीजिए.
Low Fuel Challanगाड़ी में तेल कम होने के कारण चालान का यह मामला शायद कभी देखने को नहीं मिला हो लेकिन यातायात के नियमों में ऐसा नियम सच में शामिल है. साल 2022 में केरल के एक शख्स तुलसी श्याम का कम पेट्रोल के लिए चालान काटा गया था. वनवे सड़क पर उल्टी दिशा में मोटरसाइकिल चलाने के कारण ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें रोका. इसके बाद ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें 250 रुपये का चालान थमा दिया.

हालांकि ये चालान गलत दिशा से गाड़ी चलाने का था मगर जब उन्होंने रसीद देखी तो मामला कुछ और निकला. चालान की रसीद में चालान का कारण "वाहन में कम तेल" होना लिखा गया था. वैसे ये सब गलती से हुआ था. मतलब रसीद पर जो कारण लिखा था, उसका श्याम से कोई लेना-देना नहीं था. लेकिन नियम तो है और नियम के अनुसार, यदि कोई व्यावसायिक वाहन किसी यात्री के साथ फ्यूल भराने के लिए रुकता है, तो ट्रैफिक पुलिस उस वाहन का 250 रुपये तक का चालान काट सकती है.
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यानी अक्सर जो कॉमर्शियल वाहन यात्री को बैठाकर तेल या सीएनजी भरवाते हैं, उन सभी का इस नियम के अनुसार चालान काटा जा सकता है. बोले तो कैब वाले भईया जब बोलते हैं ना, सीएनजी भरवा लेता हूं, तो वो इस नियम के दायरे में आते हैं. इस नियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करने के लिए होता है कि गाड़ी में सवारियों को उनके डेस्टिनेशन तक छोड़ने लायक पर्याप्त ईंधन हो.
जैसा हमने कहा कि ट्रैफिक पुलिस ऐसा करती नहीं है. मगर नियम तो है. तो अगर आप या आपके यार-मित्र, सखा, बंधु, दोस्त कमर्शियल वाहन चलाते हैं तो टंकी फुल करके चलिए.
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