दी लल्लनटॉप एक खीझ के पार जाकर एक बगावत का नतीजा है. अपने आसपास देखिए. बकौल ‘पीके’ इस गोले का आदमी सोचता कुछ है, बोलता कुछ है औऱ करता कुछ है. हमने इन तीनों को एक ही गोले में बंद करके हिला दिया और तय किया कि जैसे सोचते और बोलते हैं, वैसे ही लिखेंगे. न्यूज भी और व्यूज भी. और इनके पार बसी हर चीज भी.
दी लल्लनटॉप देश की पहली ‘न्यू एज’ हिंदी न्यूज वेबसाइट है. ये मॉर्डन है, अपनी लैंग्वेज, एटीट्यूड और न्यूज क्राइटेरिया के चलते. ये दिन भर की चुनिंदा खबरें करती है, मगर उनके 360 डिग्री कवरेज के साथ. एक खबर की पूरी रिपोर्ट और एनालिसिस. साथ में क्विज, पोल, मीम, वीडियो जैसे एडिशनल फीचर्स.
क्रिकेट सिर्फ हार-जीत का स्कोर नहीं. राजनीति सिर्फ नेताओं के बयान नहीं. और समाज सिर्फ अखबारों की ख़बरें नहीं. इसलिए हम किस्से सुनाते हैं. दुनिया के तमाम दिलचस्प किस्से, भौकाली तरीके से. ‘दी लल्लनटॉप’ की खासियत है इसकी भाषा. खास तौर पर जैसे यंगिस्तान बोलता है, ये खबरों को बिल्कुल वैसे लिखती है. इसकी जुबान पर देसी, अंग्रेजी सब तरह के शब्द बेधड़क आते हैं.
‘दी लल्लनटॉप’ हर खबर के पीछे नहीं लपकता. मगर जो खबर करता है, उसका नया एंगल लेकर आता है. और ये सेंसेशन वाली खबरें नहीं करता. बिकिनी शूट और अफेयरनुमा गॉसिप नहीं करता. जेंडर, कास्ट, सोशल जस्टिस को लेकर प्रोग्रेसिव और एग्रेसिव है.
हम खबर में सिर्फ न्यूज नहीं, व्यूज भी लाते हैं. और ये व्यूज सिर्फ बौद्धिक जारगन नहीं होते. इनमें पर्सनल एक्सपीरिएंस भी होते हैं, इससे न्यूज पढ़ने वाला एक नए ढंग से कनेक्ट फील करता है.
मजेदार फैक्ट, किस्से, क्विज़, रिव्यू और दुनिया भर की जानकारी. जिसे पढ़कर आपको ‘फीलिंग गुड’ हो जाए और आप जरूरी जगहों पर जी-भर चौड़े हो सकें. टैबू सब्जेक्ट्स पर खुलकर बात. हिस्ट्री से मुलाकात. स्पेशल मौकों पर खास सीरीज. फिर चाहे वह प्रेमचंद का बर्थडे हो या ऑस्कर अवॉर्ड्स वाली फिल्मों की बात.
हम एडेल पर भी बात करते हैं और गुड्डी गिलहरी पर भी. हम नेटफ्लिक्स की लेटेस्ट रिलीज का भी रिव्यू करते हैं और पंजाबी फिल्में भी देखते हैं. हम अमेरिकन इलेक्शन की भी बात करते हैं और ग्राम पंचायत के चुनाव भी कवर करते हैं.
हम इंडिया, दैट इज भारत को रिप्रजेंट करते मीडिया ब्रांड हैं. जिसे अपने गांव-देहात और जड़ों पर फख़्र है. और जो दुनिया नाप लेना चाहता है.