अमेरिका कर रहा भारत के चुनावों में 'गड़बड़ी', रूस के ये आरोप कोहराम मचा देंगे?
अमेरिका की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका में भारत की राष्ट्रीय मानसिकता और इतिहास की समझ का अभाव है.
रूस ने आरोप लगाए हैं कि अमेरिका भारत में चल रहे लोकसभा चुनावों में हस्तक्षेप करने का प्रयास (US Interfering Indian Elections ) कर रहा है. रूस ने ये भी कहा है कि अमेरिका भारत की आंतरिक राजनीति को असंतुलित करने की कोशिश कर रहा है. रूस की तरफ से ये आरोप तब लगाए गए हैं, जब भारत में मौजूदा लोकसभा चुनाव के लिए तीन चरणों की वोटिंग पूरी हो चुकी है. चार चरणों का मतदान होना बाकी है.
इधर, रूस ने खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू मामले पर भी टिप्पणी की है. रूस ने अमेरिका के उन आरोपों को निराधार बताया है, जिसमें पन्नू की कथित हत्या की साजिश रचने में किसी भारतीय इंटेलिजेंस अधिकारी के शामिल होने की बात कही गई है. इंडिया टुडे से जुड़े अभिषेक डे की रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस मामले में अभी तक अमेरिका ने भारतीय नागरिकों की संलिप्तता का कोई विश्वसनीय सबूत पेश नहीं किया है. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा,
"हमारे पास मौजूद जानकारी के मुताबिक अमेरिका ने अभी तक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में भारतीय नागरिकों की संलिप्तता का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं दिया है. सबूत के अभाव में इस मामले को लेकर की जा रही अटकलें अस्वीकार्य हैं.”
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिका की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए ज़खारोवा ने कहा कि अमेरिका, भारत की राष्ट्रीय मानसिकता और इतिहास को नहीं समझता है. उन्होंने कहा,
“अमेरिका धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में 'निराधार आरोप' लगाना जारी रखता है. ये भारत जैसे देश के लिए अपमानजनक है.”
ज़खारोवा ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि अमेरिका भारत में आंतरिक राजनीतिक स्थिति को असंतुलित करने और आम चुनावों को जटिल बनाने के लक्ष्य से ऐसा करता है.
बता दें कि USCIRF ने अपनी नई रिपोर्ट में धार्मिक स्वतंत्रता के कथित उल्लंघन और कई अन्य मुद्दों पर भारत की कड़ी आलोचना की है. रिपोर्ट में भारत सहित अन्य 16 देशों को ‘विशेष चिंता वाले देशों’ के रूप में नामित करने की बात कही गई है. भारतीय विदेश ने मंत्रालय ने USCIRF की इस रिपोर्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. मंत्रालय ने रिपोर्ट को पक्षपातपूर्ण बताया और आरोप लगाया कि ये भारत विरोधी प्रोपेगेंडा चलाने के लिए है.
इधर, रूस के इन नए आरोपों को लेकर अमेरिका और भारत की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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