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खालिस्तान समर्थक अमृतपाल हाई कोर्ट पहुंचा, बोला- "चुनाव लड़ना है, जमानत चाहिए"

वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल चुनाव लड़ने की तैयारी में है. अमृतपाल ने नॉमिनेशन के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उसने नॉमिनेशन के लिए 7 दिनों की अस्थायी रिहाई की मांग की है.

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Amritpal singh moves punjab haryana high court to seek bail for 7 days to fight election
‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल चुनाव लड़ने की तैयारी में है. (फोटो: इंडिया टुडे)
10 मई 2024
Updated: 10 मई 2024 11:39 IST
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‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल चुनाव (Amritpal Election) लड़ने की तैयारी में है. अमृतपाल ने नॉमिनेशन के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उसने नॉमिनेशन के लिए 7 दिनों की अस्थायी रिहाई की मांग की है. अभी अमृतपाल राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद है.

दरअसल, अमृतपाल पंजाब के श्री खडूर साहिब लोकसभा क्षेत्र से इंडिपेंडेंट चुनाव लड़ने की तैयारी में है. 10 मई को जस्टिस विनोद एस भारद्वाज इस मामले की सुनवाई करेंगे. अपनी याचिका के माध्यम से अमृतपाल ने पंजाब सरकार, इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया, डिब्रूगढ़ जेल के सुपरिटेंडेंट और पंजाब राज्य चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की है. ताकि वे चुनाव एजेंट की नियुक्ति के माध्यम से उसके नॉमिनेशन फाइल करने की व्यवस्था करें.

अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह का दावा है कि उनका बेटा अपने समर्थकों के अनुरोध पर चुनाव लड़ रहा है. अमृतपाल को संगरुर से सांसद सिमरनजीत सिंह मान और परमजीत कौर खालड़ा का समर्थन मिल रहा है. खालड़ा को 2019 के लोकसभा चुनाव में खडूर साहिब लोकसभा सीट पर दो लाख से अधिक वोट मिले थे. सिमरनजीत सिंह मान ने अमृतपाल के पक्ष में इस सीट से अपना उम्मीदवार वापस ले लिया है. इसके अलावा दिवंगत दीप सिद्धू के भाई संदीप सिद्धू भी अमृतपाल के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं.

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आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, अमृतपाल ने खडूर साहिब सीट इसलिए चुनी है क्योंकि उसका पैतृक गांव इस लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. ये इलाका एक समय अलगाववादी गतिविधियों का केंद्र रहा है. तरन-तारन भारत-पाक बॉर्डर पर स्थित है. 

शिरोमणि अकाली दल ने अमृतपाल के खिलाफ विरसा सिंह वल्टोहा को मैदान में उतारा है. वल्टोहा पूर्व खालिस्तानी विचारक हैं. वे इमर्जेंसी के दौरान अपनी भूमिका का हवाला देकर लोगों से वोट मांग रहे हैं.

पिछले साल 23 फरवरी को अमृतपाल और उसके संगठन 'वारिस पंजाब दे' से जुड़े लोगों ने अजनाला पुलिस थाने पर हमला कर दिया था. इस घटना के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज किया था. इसके बाद अमृतपाल के कई साथी पकड़े गए लेकिन वो कई दिनों तक फरार रहा. बाद में पंजाब पुलिस ने उस पर  राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी NSA भी लगा दिया था. इस घटना के लगभग दो महीने बाद अमृतपाल गिरफ्तार हुआ था. तभी से वो असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है. अमृतपाल पर कई केस दर्ज हैं. 

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